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इसके अलावा वो अपने गठबंधन के दूसरे नेताओं से भी इस बारे में विचार-विमर्श कर सकते हैं।
पाकिस्तान की सेना के नए आर्मी चीफ को लेकर देश में चल रही राजनीति पर अब सरकार विराम लगाने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि इसका प्रॉसेस एक माह के अंदर शुरू कर लिया जाएगा।
देश के नए आर्मी चीफ के मुद्दे पर पीटीआई प्रमुख और पूर्व पीएम इमरान खान काफी समय से राजनीतिक कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार अपनी पसंद का आर्मी चीफ बनाना चाहती है, जिससे वो अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल सके। अब ख्वाजा आसिफ ने इमरान खान द्वारा आर्मी चीफ के मुद्दे पर दागे कई सवालों का एक जवाब देकर इसको ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की है।
रक्षा मंत्री का बयान
पत्रकारों से वार्ता के दौरान ख्वाजा आसिफ ने कहा कि संविधान के मुताबिक ही देश का नया आर्मी चीफ नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत में या फिर नवंबर की शुरुआत में इसको पूरा कर लिया जाएगा। आपको बता दें कि मौजूदा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा एक्सटेंशन पर चल रहे हैं।
उनका ये कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। उन्हें फिर से एक्सटेंशन दिए जाने की अटकलों का खुद जनरल बाजवा ने ही खंडन कर दिया है। अमेरिका में मौजूद जनरल बाजवा ने साफ कर दिया है कि उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा और उनकी जगह कोई और इस पदभार को संभालेगा।
क्या कहता है संविधान
ख्वाजा आसिफ ने ये भी साफ कर दिया है कि नए आर्मी चीफ की नियुक्ति पूरी तरह से पीएम का फैसला होगा, जो नियमों के तहत ही लिया जाएगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 243(3) के मुताबिक, देश का राष्ट्रपति पीएम की रिकमंडेशन पर नए आर्मी चीफ के नाम पर अपनी अंतिम मुहर लगाता है।
इसको चयन करने की प्रक्रिया के तहत पांच नामों पर विचार किया जाता हे। इन नामों को जनरल हेडक्वार्टर या रक्षा मंत्रालय द्वारा भेजा जाता है। लेकिन संविधान के मुताबिक इन नामों से इतर भी आर्मी चीफ को नियुक्त किया जा सकता है। ये पीएम के विवेकाधिकार पर होता है।
इन नामों की है चर्चा
पाकिस्तान मीडिया में कहा जा रहा है कि पीएम शहबाज शरीफ नए आर्मी चीफ को तय करने से पहले अपने बड़े भाई और पूर्व पीएम नवाज शरीफ से सलाह जरूर लेंगे। इसके अलावा वो अपने गठबंधन के दूसरे नेताओं से भी इस बारे में विचार-विमर्श कर सकते हैं।
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