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इस्लामाबाद (आईएएनएस)| पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बुधवार को वित्त (अनुपूरक) विधेयक 2023 को नेशनल असेंबली और सीनेट में मिनी-बजट के रूप में पेश किया, ताकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा निर्धारित 6.5 बिलियन डॉलर के कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा किया जा सके। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक- जुलाई को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त राजस्व में 170 बिलियन (639 मिलियन डॉलर) जुटाने के प्रयासों के तहत सरकार ने पूरक विधेयक के माध्यम से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पेश किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिल में लग्जरी आइटम, फस्र्ट और बिजनेस क्लास हवाई यात्रा और सिगरेट सहित अन्य चीजों पर टैक्स बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। सत्र को संबोधित करते हुए, डार ने कहा कि सत्ता के कुछ महीनों के बाद ही, वर्तमान सरकार को बाढ़ के प्रबंधन के चुनौतीपूर्ण कार्य का सामना करना पड़ा, देश को अनुमानित रूप से 8,000 अरब रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने सदन से पूर्व की पीटीआई सरकार द्वारा आईएमएफ के साथ किए गए समझौते को पढ़ने को कहा। उन्होंने कहा- यह समझौता केवल एक सरकार द्वारा नहीं बल्कि पाकिस्तान राज्य द्वारा किया गया था, लेकिन इमरान खान इससे अलग हो गए।
वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान बढ़ते वित्तीय घाटे, घटते विदेशी मुद्रा भंडार और उच्च मुद्रास्फीति सहित बढ़ती आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। आईएमएफ ने इससे पहले प्रमुख सुधार लक्ष्यों को पूरा करने में सरकार की विफलता का हवाला देते हुए 2022 में पाकिस्तान के साथ अपने 6.5 बिलियन डॉलर के कार्यक्रम को निलंबित कर दिया था।
कार्यक्रम की बहाली के लिए आईएमएफ द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने की दिशा में मिनी-बजट की प्रस्तुति एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और आईएमएफ के समर्थन को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक आर्थिक सुधारों को लागू कर सकती है। करीब एक घंटे की देरी से शुरू हुए सत्र को संबोधित करते हुए डार ने लोगों से 'सरल जीवन शैली' अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि बाढ़ ने खड़ी फसलों को नष्ट कर दिया लेकिन कमजोर वित्तीय स्थिति के बावजूद सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 300 अरब रुपये आवंटित किए।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि पीटीआई सरकार ने 2019 में आईएमएफ के साथ समझौता किया था, लेकिन पीएमएल-एन सरकार अब पाकिस्तान राज्य की ओर से समझौते का सम्मान कर रही है।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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