विश्व

'नींद' में पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी, रूस के बजाय उल्टा यूक्रेन से बोले- पीछे करो अपनी सेना, बातचीत से खत्म होगा युद्ध

Renuka Sahu
28 Feb 2022 3:54 AM GMT
नींद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी, रूस के बजाय उल्टा यूक्रेन से बोले- पीछे करो अपनी सेना, बातचीत से खत्म होगा युद्ध
x

फाइल फोटो 

रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. यूक्रेन ने बार-बार बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा लेकिन रूस नहीं माना और गुरुवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर यूक्रेन पर हमले करना शुरू कर दिया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine Conflict) जारी है. यूक्रेन ने बार-बार बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा लेकिन रूस नहीं माना और गुरुवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर यूक्रेन पर हमले करना शुरू कर दिया. आज इस युद्ध का पांचवां दिन है और रूस की सेना चारों तरफ से यूक्रेन (Ukraine) को निशाना बनाती हुई राजधानी कीव पर कब्जे की कोशिश में है. बावजूद इसके पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi) ने एक अजीबो गरीब बात कही है. उन्होंने रूस के बजाय उलटा यूक्रेन से सेना पीछे खींचने को कह दिया है.

ये बात ध्यान रहे, हमले से पहले बीते कई महीनों से रूसी सेना यूक्रेन की सीमा पर तैनात थी, जिससे युद्ध की आशंका बनी हुई थी. यूक्रेन और पश्चिमी देशों के बार-बार अनुरोध करने पर भी इसे हटाया नहीं गया. लेकिन पाकिस्तानी मंत्री के बयान से लगता है कि उन्हें किसी बात की खबर ही नहीं है. कुरैशी ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने अपनी बातचीत में 'डी-एस्केलेशन के महत्व' (सैनिकों को पीछे खींचने की प्रक्रिया) को रेखांकित किया. वो शायद ये भूल गए कि ये बात उन्हें रूस से कहनी थी, क्योंकि हमला तो यूक्रेन पर हुआ है. उस वक्त इमरान रूस में थे, जब यूक्रेन पर हमला किया गया.
कुरैशी ने कूटनीति को बताया अहम
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के कुलेबा के साथ पाकिस्तानी मंत्री की टेलीफोन पर बातचीत के बारे में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, 'विदेश मंत्री कुरैशी ने पाकिस्तान के विचारों को साझा किया है. उन्होंने स्थिति पर गंभीर चिंता को दोहराते हुए डी-एस्केलेशन के महत्व को रेखांकित किया और कूटनीति की अनिवार्यता पर बल दिया है.' प्रवक्ता के अनुसार, विदेश मंत्री कुरैशी ने अपने यूक्रेनी समकक्ष को सूचित किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में मॉस्को की अपनी यात्रा के दौरान, 'रूस और यूक्रेन के बीच जारी स्थिति पर खेद व्यक्त किया है.'
'संघर्ष किसी के हित में नहीं होते'
कुरैशी के हवाले से प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने 'उम्मीद की थी कि कूटनीति से सैन्य संघर्ष को टाला जा सकता है.' कुरैशी ने कहा, 'संघर्ष किसी के हित में नहीं होते और इससे हमेशा विकासशील देश आर्थिक रूप से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं.' प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामाबाद का मानना ​​है कि विवादों को बातचीत और कूटनीति से सुलझाना चाहिए. पाकिस्तानी मंत्री ने इस बातचीत में यूक्रेन में पाकिस्तानी समुदाय और छात्रों को निकालने और उनके स्वदेश लौटने का मुद्दा भी उठाया.
Next Story