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हर मोर्चे पर तबाही की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, डालर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंची

Neha Dani
20 Oct 2021 9:57 AM GMT
हर मोर्चे पर तबाही की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, डालर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंची
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बैठक के दौरान संस्था घोषणा करेगी कि पाक अब तक मानकों पर खरा नहीं उतरा है।

हर मोर्चे पर तबाही की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भयानक गर्त में जा रही हैं, जहां से उसका संभलकर निकलना लगभग असंभव है। पाकिस्तानी रुपया डालर के मुकाबले अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है। पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के साथ ही अब उसका रुपया भी लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पाकिस्तानी समाचार एआरवाई के के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के मुताबिक, पाकिस्तानी रुपया सोमवार को अमेरिकी डालर के काबले 173.50 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को पाकिस्तान रुपया, डालर के मुकाबले 172.2 के स्तर पर था।

विनिमय दर(एक्सचेंज रेट) पर दबाव कम करने के लिए स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए कई उपायों के बावजूद अमेरिकी डालर की बढ़ती मांग इसके मूल्य को तेजी से बढ़ा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले केंद्रीय बैंक ने विनिमय कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाने और विदेशी मुद्रा के अवांछित बहिर्वाह को रोकने के लिए नियामक उपायों की शुरुआत की। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान द्वारा साझा किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अफगानिस्तान की यात्रा करने वाले व्यक्तियों को प्रति व्यक्ति केवल 1,000 डालर प्रले जाने की अनुमति होगी, जिसकी अधिकतम वार्षिक सीमा 6,000 डालर होगी।एक्सचेंज कंपनियों को सभी विदेशी मुद्रा बिक्री लेनदेन के लिए $500 और उससे अधिक और जावक प्रेषण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन करने की आवश्यकता होगी और यह 22 अक्टूबर से लागू होगा।
पाकिस्तान को 92 हजार करोड़ मदद की जरूरत
दरअसल, पाकिस्तान को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले दो वर्ष भीतर करीब नौ लाख 92 हजार करोड़ रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) की बाहरी मदद की जरूरत है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तरफ से बहुत रूढ़िवादी अनुमान लगाने के बावजूद पाकिस्तान की सकल बाहरी वित्त पोषण की जरूरत 2021-22 में 23.6 अरब अमेरिकी डॉलर और 2022-23 में 28 अरब अमेरिकी डॉलर है। यानी आने वाले दो वर्ष में पाकिस्तान को 51.6 अरब अमेरिकी डॉलर के बाहरी वित्त पोषण की जरूरत है। पाकिस्तान फिलहाल आईएमएफ से छह अरब डॉलर के समझौते में से तीसरी किस्त के तहत एक अरब डॉलर हासिल करने की जद्दोजहद में लगा है।
FATF की ग्रे सूची में बने रहने का खतरा
पाकिस्तान अगले साल अप्रैल में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की अगली बैठक तक ग्रे सूची में ही रहेगा। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि फ्रांस में एफएटीएफ की बैठक के दौरान संस्था घोषणा करेगी कि पाक अब तक मानकों पर खरा नहीं उतरा है।


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