x
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जहां विश्व को यह भरोसा दिला रहे हैं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जहां विश्व को यह भरोसा दिला रहे हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने सियालकोट में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की लिंचिंग को जायज ठहराया है। उन्मादी भीड़ द्वारा कुमारा की हत्या को जायज ठहराते हुए इमरान सरकार के शीर्ष मंत्री ने कहा कि यह धार्मिक भावनाओं से प्रेरित गुस्साए युवकों का काम था। मीडिया को संबोधित करते हुए खट्टक ने कहा कि वारदात के लिए सरकार पर आरोप लगाना सही नहीं है।
जब धर्म की बात आएगी तो...
उन्होंने कहा, 'जब धर्म की बात आएगी तो मैं भी उत्तेजित हो जाऊंगा और गलत कर बैठूंगा।' खट्टक के इस बयान की देश में ही आलोचना होने लगी है। पाकिस्तानी पत्रकार हमीद उर रहमान ने कहा, 'अगर खट्टक को तत्काल कैबिनेट से हटाया नहीं गया तो इसका मतलब होगा कि पीएम खान ने जो श्रीलंकाई राष्ट्रपति व विदेश मंत्री को भरोसा दिया है, वह सब झूठ है।'
श्रीलंका पहुंचा प्रियंता के शरीर का अवशेष
न्यूज फर्स्ट चैनल के मुताबिक, सियालकोट जिले में शुक्रवार को उन्मादी भीड़ के हमले में मारे गए कपड़ा फैक्ट्री के महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा के शरीर का अवशेष सोमवार को कोलंबो पहुंचा। इससे पहले लाहौर हवाईअड्डे पर पंजाब के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एजाज आलम ने ताबूत में बंद प्रियंता के शरीर का अवशेष श्रीलंकाई उच्चायोग के अधिकारियों को सौंपा।
फैक्ट्री को जलाना व मालिक की भी हत्या करना चाहती थी भीड़
पाकिस्तानी पुलिस ने दावा किया कि भीड़ कपड़ा फैक्ट्री को आग के हवाले करते हुए उसके मालिक की भी हत्या करना चाहती थी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, फैक्ट्री के महाप्रबंधक व श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की बर्बर हत्या करने वाली भीड़ ने कई बोतलों में पेट्रोल इकट्ठा कर रखा था। भीड़ फैक्ट्री मालिक की पिटाई कर रही थी, तभी पुलिस आ गई और उसे बचा लिया।
टूट गई थी सभी हड्डियां
भीड़ की पिटाई से कुमारा की सभी हड्डियां टूट गई थीं और उनका शरीर 99 फीसद झुलस गया था। पुलिस अबतक 26 प्रमुख समेत कुल 131 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को श्रीलंकाई नागरिक को बचाने के लिए भीड़ में कूद पड़ने वाले सहयोगी मलिक अदनान को तमगा-ए-शुजात (बहादुरी के लिए सम्मान) देने का एलान किया था।
Next Story