दिल्ली: पाकिस्तान में केयरटेकर सरकार के सत्ता संभालने के पहले दिन मंगलवार को पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) में भारी गिरावट देखी गई. यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन महीने के निचले स्तर 292 पर बंद हुआ. इंटरबैंक बाजार में डॉलर के मुकाबले 3 पाक रूपए की गिरावट आई. यह गिरावट बिल्कुल बाजार की अटकलों के अनुरूप थी कि घरेलू मुद्रा को अवमूल्यन के एक नए दौर का सामना करना पड़ेगा.
पिछले तीन महीनों के दौरान पाक मुद्रा डॉलर के मुकाबले लगभग 288 रुपये पर स्थिर रही. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जून के अंत में हासिल किए गए नवीनतम 3 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम के तहत मुद्रा का अवमूल्यन होने वाला है.
सरकार के फैसले के बाद रुपया कमजोर होना तय था
हालांकि, गठबंधन सरकार ने अपने शासन के अंतिम दो महीनों के दौरान अवमूल्यन नहीं किया और इसे केयरटेकर व्यवस्था पर छोड़ दिया. बाजार की चर्चा से पता चलता है कि आयात पर सभी प्रतिबंध हटाने के सरकार के फैसले के बाद रुपया कमजोर होना तय था. आयात प्रतिबंधों में ढील से डॉलर की मांग बढ़ गई है, जिससे स्थानीय मुद्रा पर दबाव पड़ना तय था.