विश्व
पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा
Renuka Sahu
11 May 2022 2:49 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले बेहद कमजोर हो गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तानी रुपया डॉलर (Pakistani Rupee vs Dollar) के मुकाबले बेहद कमजोर हो गया है. वह इंटरबैंक मार्केट में अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. शुरुआती कारोबार में पाकिस्तानी मुद्रा (Pakistani Currency) की कीमत 82 पैसे बढ़ी है और यह इंटरबैंक मार्केट में इस समय 188.35 रुपये पर कारोबार कर रहा है. जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. ये जानकारी पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है. विदेशी मुद्रा डीलर्स के अनुसार, एक्सचेंज रेट दबाव में है क्योंकि अमेरिकी डॉलर स्थानीय मुद्रा के मुकाबले लगातार मजबूत हो रहा है. विदेशी मुद्रा डीलर्स ने कहा कि पाकिस्तानी नोट ओपन मार्केट में 189 रुपये से ज्यादा में बिक रहा है.
दूसरे दिन इंटरबैंक में डॉलर के मुकाबके पाकिस्तानी रुपये की कीमत 187.53 रुपये रही. विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर में तेजी ने रुपये आधारित अर्थव्यवस्था और हितधारकों के आत्मविश्वास को तोड़ दिया है. हालात ऐसे ही बने रहने की संभावना है. इस बीच स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) का विदेशी मुद्रा भंडार 23 अप्रैल तक इस हफ्ते के आखिर में 328 मिलियन डॉलर से कम होकर 10.558 डॉलर हो गया है. ये जानकारी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई है.
कौन से कारण बन रहे परेशानी?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रा डीलर्स का मानना है कि आईएमएफ के प्रोग्राम में देरी, दोस्त देशों से तुरंत आर्थिक सहायता नहीं मिलने, विदेशी मुद्रा भंडार के तेजी से घटने और व्यापार घाटे के बढ़ने की वजह से घरेलू मुद्रा दबाव में है. नई सरकार ईंधन और बिजली पर सब्सिडी हटाने से परहेज कर रही है. जो कि आईएमएफ कार्यक्रम की बहाली के लिए पूर्व शर्त भी है. इससे भी निवेशकों का आत्मविश्वास कम हो रहा है.
घट रहा विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तानी निवेशक विदेशी मुद्रा भंडार के गिरने के चलते चिंतित हैं. क्योंकि रेमिंटेंस और निर्यात के जरिए आने वाला पैसा बाजार की मांग को पूरा करने में कम पड़ रहा है. इसके साथ ही विदेशी कर्ज का भार बढ़ रहा है और आयात भी ऊपर की तरफ जा रहा है. इससे भी रुपये पर दबाव पड़ा है. पाकिस्तान को लगातार मदद देने वाले सऊदी अरब, यूएई और चीन भी अब आगे बढ़ने में देरी कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता के हटने के बाद से दिए जा रहे बयानों के चलते राजनीतिक पारा बढ़ रहा है. वह नए सिरे से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह 20 मई को अपने समर्थकों के साथ इस्लामाबाद में मार्च करेंगे.
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