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पाकिस्तानी पुलिस ने ईशनिंदा को अपवित्र करने के आरोप में तीन लोगों को किया गिरफ्तार, मौत की सजा का है प्रावधान

Neha Dani
8 Aug 2021 9:12 AM GMT
पाकिस्तानी पुलिस ने ईशनिंदा को अपवित्र करने के आरोप में तीन लोगों को किया गिरफ्तार, मौत की सजा का है प्रावधान
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इसको लेकर कई बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान पर नाराजगी जता चुका है।

पाकिस्तान पुलिस ने विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत एबटाबाद और हवेलियां में पवित्र कुरान को कथित रूप से अपवित्र करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पहली घटना एबटाबाद शहरके जिन्ना बाग की है। जहां कुछ लोगों ने कुरान की एक प्रति जलाते हुए एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को पकड़ा। पहले तो लोगों ने उसकी जमकर पिटाई की और बाद में पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 295-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की और बाद में उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया है।

एक अन्य घटना में पुलिस ने दो भाइयों- आसिफ फरीद और अब्दुल्ला फरीद को गिरफ्तार किया। जनकारी के मुताबिक स्थानीय लोगों ने दोनों भाइयों को कथित तौर पर कुरान और अन्य इस्लामी सामग्री के टुकड़ों को जलाते हुए पकड़ा। स्थानीय बुजुर्गों और उलेमा की शिकायत पर दोनों पर धारा 295-बी के तहत भी मामला दर्ज किया गया। बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक के तानाशाही शासन के दौरान पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-बी और 295-सी के माध्यम से पेश किया गया था।
पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून में ईश्वर, इस्लाम या अन्य धार्मिक हस्तियों का अपमान करने के दोषी किसी भी व्यक्ति के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के कई सदस्यों - अहमदियों, हिंदुओं, ईसाइयों और सिखों पर कठोर ईशनिंदा कानून का आरोप लगाया जाता रहा है। उनमें से कई तो कुरान का अनादर करने के झूठे आरोप में जेलों में बंद हैं।
पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून की मानवाधिकार समूह भी लगातार निंदा करते आ रहे हैं।उनका कहना है कि मुस्लिम बहुल देश में इस कानून का अक्सर दुर्भावनापूर्ण रूप से और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताने के लिए उपयोग किया जाता है। देश के प्रधानमंत्री इमरान खान कई मौकों पर अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की कसम खा चुके हैं, बावजूद इसके वह अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने में नाकाम रहे। इसको लेकर कई बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान पर नाराजगी जता चुका है।


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