विश्व
संकट में फंसे गए पाकिस्तानी पीएम, विपक्ष ही नहीं इस गंभीर चुनौती से भी जूझ रहे इमरान खान
jantaserishta.com
19 Feb 2022 3:56 AM GMT
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नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) ने शुक्रवार को अपनी सरकार की सबसे बड़ी गलती स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम और विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति देना तहरीक-ए-इंसाफ सरकार की सबसे बड़ी गलती थी. 72 साल के शरीफ इस समय लंदन में हैं. वह यहां नवंबर 2019 से अपना इलाज करवा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवाज शरीफ दिल की बीमारी सहित कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित मंडी बहाउद्दीन में जनसभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने नवाज शरीफ के देश छोड़ने से पहले ही उनकी स्वास्थ्य स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार (पीटीआई सरकार) को तब ऐसा लग रहा था कि नवाज शरीफ एक दिन भी जीवित नहीं रह पाएंगे. इसलिए उन्हें इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति दी गई थी. इमरान खान ने कहा, 'मैं आज ये स्वीकार करता हूं कि हमने उन्हें (नवाज शरीफ) अनुमति देकर सबसे बड़ी गलती कर दी है.'
हाई कोर्ट ने हटाया था प्रतिबंध
साल 2019 में लाहौर हाई कोर्ट ने शरीफ पर लगे यात्रा प्रतिबंध को हटा दिया था. शुरू में इमरान खान उन्हें विदेश जाने की अनुमति देने के इच्छुक नहीं थे क्योंकि शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में 7 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. वह पूरे 12 महीने भी जेल में नहीं रहे. इमरान खान चाहते थे कि नवाज शरीफ को विदेश जाने की अनुमति से पहले उनसे एक 7.7 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का बॉन्ड साइन कराया जाए लेकिन हाई कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया और उन्हें यात्रा करने की अनुमति दे दी.
विपक्षी पार्टियों के बीच घिरे इमरान
पाकिस्तन में पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियां इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रही हैं. इससे जुड़ी चिंताओं के बीच इमरान खान लोगों का समर्थन बनाए रखने के लिए जनसभा कर रहे हैं. इमरान खान की लोकप्रियता रेटिंग भी देश के कई क्षेत्रों में प्रभावित हुई है. शरीफ की लोकप्रियता दर पंजाब में 58 फीसदी, खैबर पख्तूनख्वा में 46 फीसदी और सिंध प्रांत में 51 फीसदी है, जबकि मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की रेटिंग पंजाब में केवल 44 फीसदी, खैबर पख्तूनख्वा में 33 फीसदी और सिंध में 33 फीसदी ही रह गई है.
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