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एक हिस्सा गरीबों में, दूसरा हिस्सा दोस्तों में और रिश्तेदारों में और तीसरा हिस्सा अपने पास रखा जाता है। कई लोग इस दिन दान पुण्य भी करते हैं।
पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशिद अहमद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पाकिस्तानी मंत्री कुर्बानी के लिए ऊंट खरीदते नजर आ रहा हैं। शेख रशिद अहमद ने यह वीडियो अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। इस वीडियो में ऊंट के व्यापारियों से भाव को लेकर तोलमोल करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद उन्होंने तीन ऊंट खरीदे। खरीदे गये ऊंटों की कीमत 5.60 लाख रुपया है। पाकिस्तानी मंत्री ने जो वीडियो शेयर किया उसमें लिखा है कि 'जानवरों के बाजार में कुर्बानी के लिए ऊंट खरीद रहा हूं।'
बताया जा रहा है कि कुर्बानी के लिए अपने मनपसंद जीव की खरीदारी के लिए पाकिस्तान के मंत्री खुद जानवरों के बाजार में पहुंचे थे। उन्होंने यहां कई जानवरों के दाम पूछे और फिर अपनी पसंद से 3 ऊंट खरीदे। जानवरों के जिस बाजार में पाकिस्तानी मंत्री पहुंचे थे वो राउलपिंडी में स्थित है। बता दें ईद उल-अजहा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।
عید کی قربانی کیلئے مویشی منڈی میں اونٹوں کی خریداری کرتے ہوئے.https://t.co/w6KhTgnF6z pic.twitter.com/dhtqt3FoOK
— Sheikh Rashid Ahmed (@ShkhRasheed) July 20, 2021
ईद-उल-अजहा कुर्बानी का दिन है। ईद-उल-अजहा जिसे बकरीद भी कहते हैं यह त्योहार इस्लाम धर्म में आस्था रखने वाले लोगों का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार रमजान के पाक महीने के करीब 70 दिनों बाद आता है। बकरीद के दिन बकरे या किसी अन्य पशु की कुर्बानी दी जाती है। इसे इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आखिरी महीने के दसवें दिन मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने के आठवें दिन हज शुरू होकर 13वें दिन खत्म होता है। हालांकि कई गल्फ देशों में यह त्योहार आज (मंगलवार) को मनाया जा रहा है।
दरअसल इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया था। उन्हीं की याद में यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन इस्लाम धर्म के मानने वाले नमाज पढ़ने के बाद एक दूसरे को ईद की बधाई देते है और जानवर की कुर्बानी देते हैं।यह इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस दिन कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी देने के बाद गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा गरीबों में, दूसरा हिस्सा दोस्तों में और रिश्तेदारों में और तीसरा हिस्सा अपने पास रखा जाता है। कई लोग इस दिन दान पुण्य भी करते हैं।
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