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भारत के मंदिरों की यात्रा करने आएंगे पाकिस्तानी हिंदू, क्या दोनों देशों के रिश्ते धार्मिक पर्यटन से होंगे बेहतर

Renuka Sahu
3 Jan 2022 5:07 AM GMT
भारत के मंदिरों की यात्रा करने आएंगे पाकिस्तानी हिंदू, क्या दोनों देशों के रिश्ते धार्मिक पर्यटन से होंगे बेहतर
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फाइल फोटो 

पाकिस्तानी हिंदुओं का एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में भारत के मंदिरों की यात्रा करेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तानी हिंदुओं का एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में भारत के मंदिरों की यात्रा करेगा. अधिकारियों ने रविवार को यहां यह जानकारी दी है. सरकार देश में अल्पसंख्यकों के लिए धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) को बढ़ावा दे रही है. पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख रमेश कुमार ने इसे 'भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के सामान्य होने की दिशा में बड़ा कदम' बताया है.

प्रतिनिधमंडल के 20 जनवरी को भारत पहुंचने की उम्मीद है और वह कई मंदिरों में दर्शन करेंगे. बहरहाल, अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि वे किन मंदिरों में जाएंगे और अभी यह भी तय नहीं हुआ है कि प्रतिनिधिमंडल में कितने श्रद्धालु होंगे (Hindu Temples in Pakistan). वहीं भारत, अमेरिका और खाड़ी क्षेत्र के 200 से अधिक हिंदू श्रद्धालुओं ने रविवार को उत्तरपश्चिमी पाकिस्तान में 100 साल पुराने महाराजा परमहंस जी मंदिर में दर्शन किए हैं.
सुरक्षा के लिए 600 कर्मी तैनात
इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 600 कर्मियों की तैनाती की गई थी. खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के टेरी गांव में परमहंस जी के मंदिर और 'समाधि' का पिछले साल जीर्णोद्धार किया गया था. वर्ष 2020 में एक भीड़ ने वहां तोड़फोड़ की थी जिसकी विश्व स्तर पर निंदा की गई थी. हिंदुओं के समूह में भारत के लगभग 200 श्रद्धालु थे, जबकि दुबई से पंद्रह, बाकी अमेरिका और अन्य खाड़ी राज्यों से थे.
यात्रियों ने वाघा सीमा पार की
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय यात्रियों ने लाहौर के पास वाघा सीमा पार किया और सशस्त्र कर्मियों ने उन्हें मंदिर तक पहुंचाया. इस कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्तानी हिंदू काउंसिल (Pakistan Hindu Coucil) द्वारा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सहयोग से किया गया. टेरी गांव में महाराजा परमहंस का 1919 में निधन हो गया था. पाकिस्तान के कट्टरपंथी लोग आए दिन हिंदू मंदिरों पर हमला कर वहां तोड़फोड़ करते हैं. जिसकी दुनियाभर में निंदा भी होती है. लेकिन सरकार और अदालतें इन स्थानों के पुन: निर्माण का आदेश देती रही हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने जताई थी नाराजगी
साल 2017 के मामले पर ही विचार कर लें. तब पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मियां साकिब निसार (Saqib Nasir) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कटासराज मंदिर की खराब हालत को लेकर सुनवाई की थी. उन्होंने मंदिर में भगवान राम, शिव और हुनमान जी की मूर्तियां ना होने पर नाराजगी व्यक्त की थी. मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि प्रशासन इस मामले में क्यों लापरवाही बरत रहा है.
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