विश्व
सऊदी विदेश मंत्री के सामने जूता दिखाते ऐसे बैठे पाकिस्तानी विदेश मंत्री, तस्वीरें हो रही वायरल
Renuka Sahu
31 Dec 2021 6:31 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान वैसे तो सऊदी अरब से उधार लेकर देश का खर्चा चलाने को मजबूर है. लेकिन, इसके बाद भी यहां के मंत्रियों की अकड़ कम नहीं हुई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) वैसे तो सऊदी अरब (Saudi Arabia) से उधार लेकर देश का खर्चा चलाने को मजबूर है. लेकिन, इसके बाद भी यहां के मंत्रियों की अकड़ कम नहीं हुई है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi)की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. कुरैशी मंगलवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री के सामने अपमानजनक तरीके से अकड़कर बैठे नजर आए. उनका जूता सऊदी विदेश मंत्री की तरफ था. कुरैशी के बैठने के इस तरीके पर सऊदी जनता भड़क गई है.
इस्लामाबाद में सऊदी के विदेश मंत्री नवाफ बिन सैद अल मलकी के सामने अकड़कर बैठे कुरैशी को लोग ट्रोल कर रहे हैं. तस्वीर में देखा जा सकता है कि कुरैशी अपना जूता सऊदी विदेश मंत्री की ओर किए हैं और यह सऊदी लोगों को बहुत नागवार गुजरा है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में दोनों मंत्रियों ने इलाके के ताजा हालात पर चर्चा की है और आपसी रिश्तों की समीक्षा की है.
पाकिस्तान की पत्रकार नाइला इनाइत ने इसकी तस्वीर शेयर की है. इस फोटो पर एक ट्विटर यूजर ने कहा, 'मैं अगर सऊदी विदेशी मंत्री के साथ मैं होता तो मैं उठकर चला जाता.' एक और यूजर ने लिखा, 'यह पाकिस्तानी विदेश मंत्री का सऊदी अरब के विदेश मंत्री के प्रति अशिष्ट, मूर्खतापूर्ण और गैर राजनयिक व्यवहार है. सऊदी विदेश मंत्री ने जिस तरह से इस अपमान को चुपचाप सह लिया, उससे मैं उनका प्रशंसक हो गया हूं.'
Sunday Monday pic.twitter.com/NKG3cD6pp3
— Naila Inayat (@nailainayat) December 29, 2021
बता दें कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच गहरे राजनयिक और सैन्य संबंध हैं, लेकिन हालिया वर्षों में पाकिस्तान के मूर्खतापूर्ण व्यवहार की वजह से खराब हो गए हैं.
'राजनयिक प्रोटोकॉल के मूलभूत सिद्धांतों के प्रति बेशर्मी, मूर्खता'
उधर, सऊदी की जनता ने इस बैठक को अलग तरीके से लिया है. एक यूजर ने कॉमेंट किया, 'पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सऊदी विदेश मंत्री का बहुत ही गलत तरीके से स्वागत किया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री के सऊदी विदेश मंत्री का इस तरह से स्वागत करने का अगर कोई बड़ा कारण (मेडिकल) नहीं है, तो यह राजनयिक प्रोटोकॉल के मूलभूत सिद्धांतों के प्रति बेशर्मी, मूर्खता और अज्ञानता की हद है.'
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