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पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड की खिसियाहट

Rani Sahu
7 Jan 2023 11:55 AM GMT
पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड की खिसियाहट
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पिछले दिनों एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्‍यक्ष जय शाह ने 2023और 2024 का क्रिकेट कैलेंडर जारी किया इसके मुताबिक, एशिया कप सितंबर 2023 में खेला जाएगा लेकिन टूर्नामेंट के वेन्‍यू को लेकर कैलेंडर में जानकारी नहीं दी गई। जाहिर है एशिया कप पाकिस्तान में होना है इसलिए पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड चिढ़ गया।
पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड की नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि PCB चेयरमैन नजम सेठी ने जय शाह पर पाकिस्‍तान बोर्ड को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया।उन्‍होंने ट्वीट कर तंज किया कि एसीसी कैलेंडर को एकतरफा तरीके से पेश करने के लिए धन्यवाद जय शाह।खासतौर से एशिया कप 2023 के संबंध में जिसका मेजबान पाकिस्तान है।जब आप इससे जुड़े हैं तो आप हमारी पाकिस्‍तान सुपर लीग के ढांचे और कैलेंडर को भी पेश कर सकते हैं।हालांकि जय शाह ने अभी तक पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी के ट्वीट का कोई जवाब नहीं दिया है।
भारत और पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्तों का असर क्रिकेट पर सबसे ज्यादा पड़ा है।दोनों देशों ने 2012-13 में क्रिकेट सीरीज खेली थी।तब भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था।इसके बाद सीमापार से आतंकवाद के चलते भारत ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना बंद कर दिया।नतीजतन तब से ना भारतीय टीम पाकिस्तान खेलने गयी ,ना हमने पाकिस्तान को अपने यहां आमंत्रित किया।फिलहाल दोनों देशों के रिश्ते इस कदर खराब हो चुके हैं कि भारत सरकार ने खुद ही साफ कर दिया कि जब तक पाकिस्तान खुद को नहीं सुधारता और आतंकियों को मदद करना बंद नहीं करता, तब तक हम क्रिकेट न्यूट्रल प्लेस पर ही खेलेंगे।
पाकिस्तान के खिलाड़ी भारत आकर क्रिकेट खेलना चाहते हैं।याद होगा कि पीसीबी के पूर्व चेयरमैन रमीज राजा ने तो यहां तक कहा था कि अगर भारतीय टीम एशिया कप में खेलने पाकिस्तान नहीं आती तो पाकिस्तानी क्रिकेट टीम भी 2023 में विश्व कप क्रिकेट में हिस्सा नहीं लेगी।वैसे पाकिस्तान खेले या ना खेले ,भारत पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि ज़रूरत पाकिस्तान को है भारत को नहीं।हकीकत ये है कि भारत क्रिकेट खेलने के लिए पाकिस्तान जैसे मुल्क का मोहताज़ कभी नहीं रहा।
पाकिस्तान में तत्कालीन इमरान खान सरकार के रहते भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंध बहुत निचले स्तर पर चले गये।खुद इमरान खान ने प्रधानमंत्री पर घटिया टिप्पणी करते हुए उन्हें बड़ी कुर्सी पर बैठा एक छोटा इंसान बताया।अब शाहबाज शरीफ की सरकार में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के संयुक्त राष्ट्र में दिये गये बयान से संबंध बेहद खराब हो चुके हैं।बिलावल ने प्रधानमंत्री को गुजरात का कसाई बताने में देर नहीं की जिसकी देशभर में बेहद आलोचना हुई।साफ है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री के इस बयान से संबंधों में सुधार की फिलहाल कोई गुंजाइश नजर नहीं आती और जब तक संबंध पटरी पर नहीं आते तब तक दोनों देश क्रिकेट नहीं खेल सकते।
पाकिस्तान की हताशा की वजह ये है कि उसके खिलाड़ियों को हमारे यहां IPL में भी आमंत्रित नहीं किया जाता।बाकी सभी देशों के खिलाड़ी यहां आते हैं और करोड़ों रुपए कमाते हैं।पाकिस्तानियों इस महरूमी का एहसास तो है लेकिन वह अपने यहां ना सिर्फ आतंकियों को पालता है बल्कि उन्हें कश्मीर में भेजता है।ऐसे में जब पाकिस्तानी दहशतगर्द कश्मीर में रोज टारगेट किलिंग कर रहे है।ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना किसी भी हालत में उचित नहीं है।
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