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मंत्री नुरूल हक कादरी और कई बड़े अधिकारी मौजूद थे।
पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश निकाला दिए जाने के मुद्दे पर कट्टरपंथी पार्टियों ने इमरान खान सरकार को घेर लिया है। सोमवार को लाहौर की सड़कों पर चरमपंथी इस्लामी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक के हजारों कार्यकर्ताओं ने फ्रांस के साथ संबंध तोड़े जाने की मांग को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में दो लोगों की मौत भी हो गई। पुलिस ने दिखावे के लिए इस चरमपंथी दल के सरगना साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन पाकिस्तानी सेना के जवानों के एक वीडियो ने इनके मिलीभगत की पोल खोल दी।
जिप्सी पर हथियार के साथ नारेबाजी कर रहा पाकिस्तानी जवान
पाकिस्तानी सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के जवान तहरीक ए लब्बैक के कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं। खुली जिप्सी पर लाइट मशीनगन के साथ खड़ा जवान अल जिहाद-अल जिहाद का नारा लगा रहा है। जबकि, नीचे खड़े हजारों कट्टरपंथियों की भीड़ 'पाक फौज जिंदाबाद' की नारेबाजी करती सुनाई देती है। कुछ लोग उस जवान का हाथ चूमते भी नजर आते हैं।
पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर दी यह दलील
"No good can be expected from outside until we put own house in order," Gen Bajwa.
— Naila Inayat (@nailainayat) April 12, 2021
pic.twitter.com/3EKnSD6ZiW
लाहौर पुलिस के प्रमुख गुलाम मोहम्मद डोगर ने बताया कि रिजवी को कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है। रिजवी ने कहा कि सरकार ने प्रतिबद्धता जताई थी कि फ्रांस में पैगंबर के चित्र प्रकाशित करने के मुद्दे पर फ्रांस के राजदूत को 20 अप्रैल से पहले देश के बाहर निकाल दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि उसने केवल इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी। डोगर ने गिरफ्तारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
कौन है साद हुसैन रिजवी
खादिम हुसैन रिजवी के आकस्मिक निधन के बाद साद रिजवी तहरीक ए लबैक पाकिस्तान पार्टी का नेता बन गया था। रिजवी के समर्थक, देश के ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे और फरवरी में रिजवी की पार्टी के साथ हस्ताक्षरित करारनामे के तहत फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाले।
पाक संसद में फ्रांसीसी राजदूत को निकालने का प्रस्ताव
कट्टरपंथियों की धमकी से डरी इमरान खान सरकार ने देश की नेशनल असेंबली (पाकिस्तानी संसद) में फ्रांस के राजदूत के देश निकाला करने को लेकर एक प्रस्ताव भी पेश किया है। इस प्रस्ताव को लाने का फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में की गई बैठक के दौरान लिया गया। जिसमें पाकिस्तान के कानून मंत्री फरोज नसीम, आंतरिक मंत्री शेख रशीद, धार्मिक मामलों के मंत्री नुरूल हक कादरी और कई बड़े अधिकारी मौजूद थे।
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