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अहमद अंजुम को ISI के चीफ के तौर पर नियुक्त किया गया
पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम (lieutenant general Nadeem Ahmed Anjum) को इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) का चीफ नियुक्त किया है. अंजुम 20 नवंबर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की कमान संभालेंगें. गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) ने छह अक्टूबर को बयान जारी कर अंजुम को ISI के मौजूदा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के स्थान पर नियुक्त करने की घोषणा कर दी थी. इसके बाद से ही माना जा रहा था इमरान खान को आधिकारिक तौर पर अंजुम के नाम पर मुहर लगानी होगी.
वहीं, अंजुम 20 नवंबर से ISI की कमान संभालेंगी. दूसरी ओर मौजूदा ISI प्रमुख फैज हमीद (Faiz Hameed) 19 नवंबर तक अपने पद पर बने रहेंगे. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय से औपचारिक घोषणा मंगलवार शाम को जारी की गई. लेकिन अक्टूबर में पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का ऐलान कर दिया. पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई घोषणा के बाद इस बात अटकलें लगने लगीं कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार और पाकिस्तानी सेना के बीच मतभेद चल रहा है.
इमरान सरकार पर मंडराने लगा है खतरा
पाकिस्तानी सेना को लेकर ये बात किसी से छिपी नहीं है कि वह देश की सुरक्षा और विदेश नीति से संबंधित मामलों में अहम फैसले लेती आई है. इमरान खान के कार्यालय ने इस बात को स्वीकार किया था कि पाकिस्तानी सेना और इमरान सरकार के बीच कुछ 'तकनीकी समस्याएं' हैं. इसने कहा था कि इन मुद्दों का जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा. इस मामले से परिचित लोगों ने इसकी जानकारी दी थी. यहां गौर करने बात ये थी कि अगर सेना ने इमरान सरकार के साथ समझौता नहीं करने का फैसला किया होता तो उनकी सरकार में ऊपरी स्तर तक बदलाव देखने को मिल सकते थे.
ISI चीफ को लेकर बाजवा और इमरान ने की थी बैठक
इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इमरान ने 20 नवंबर से ISI के महानिदेशक के रूप में अंजुम की नियुक्ति को देखा और इसे मंजूर किया है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद अपने पद पर 19 नवंबर तक बने रहेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की कि प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच पहले हुई एक बैठक में ISI में कमान बदलने के समय और नए डीजी ISI के चयन के समय पर चर्चा हुई थी. इस बात की भी जानकारी है कि इमरान को तीन नामों का सुझाव दिया गया था, मगर उन्हें मोहर अंजुम के नाम पर ही लगानी थी.
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