अफगानिस्तान (Afghanistan) से लगने वाली सीमा पर तार बाड़ (fencing) को लेकर पाकिस्तान सरकार का सधा हुआ बयान आया है। गृह मंत्री शेख राशिद अहमद (Sheikh Rashid Ahmed) ने कहा है कि डूरंड लाइन (Durand Line) पर पाकिस्तान कोई भी कार्य अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की सहमति से करेगा। यह बयान दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन को लेकर विवाद फिर से उभर आने के बाद आया है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 2,670 किलोमीटर लंबी सीमा तय करने का कार्य डूरंड लाइन करती है। अंग्रेजों द्वारा निर्धारित यह लाइन अफगानिस्तान ने कभी भी स्वीकार नहीं की। लेकिन पाकिस्तान गुपचुप तरीके से इसके 90 प्रतिशत हिस्से पर तार बाड़ लगा चुका है। बाकी के दस प्रतिशत हिस्से का कार्य रह गया है। जो हिस्सा बिना तार बाड़ का है वह चमन इलाके का है, जहां से दोनों देशों के लोगों का सबसे ज्यादा आवागमन होता है। इसलिए वहां पर तार बाड़ लगाने को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच दिसंबर में टकराव भी हो चुका है लेकिन दोनों देशों की सरकारों ने उस पर शांति बनाए रखी।
हाल में पाकिस्तान ने दावा किया था कि चमन इलाके में भी तार बाड़ लगाने पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है लेकिन चंद रोज में ही विवाद फिर से पैदा होने की जानकारी सामने आ रही है। इस महीने के शुरू में इलाके के तालिबान कमांडर मौलवी सनाउल्ला संगीन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि डूरंड लाइन पर हम किसी भी सूरत में तार बाड़ नहीं लगने देंगे, क्योंकि यह लाइन गलत ढंग से खींची गई है। शुक्रवार को शेख राशिद ने कहा, उन्हें उम्मीद है कि बाकी बचे 21 किलोमीटर के इलाके में भी दोनों देशों की सहमति से जल्द ही तार बाड़ लगाने का कार्य पूरा हो जाएगा। वास्तव में पाकिस्तान तार बाड़ लगाकर अफगान आबादी को पाकिस्तान में घुसने से रोकना चाहता है। इससे इलाके की गरीब आबादी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।