तालिबान ने इस बात से साफ इनकार किया है कि जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर अफगानिस्तान में शरण मांग रहा है। तालिबान ने कहा कि किसी भी विरोधी संगठन को अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के बाद तालिबान के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी। पाकिस्तानी मीडिया कहना था कि इस्लामाबाद की तरफ से एक पत्र भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि मसूद अजहर कुनार या फिर नागारहार प्रांत में छिपना चाहता है।
बता दें कि एक महीने बाद फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक होगी जिसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने या हटाने का फैसला किया जा सकता है। पाकिस्तान में आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने में नाकाम पाकिस्तान पर निगरानी बढ़ा दी गई है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्रालय उन सभी दावों को खारिज करता है जिसमें पाकिस्तान कह रहा है कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में शरण लेना चाहता है।
तालिबान ने कहा कि किसी भी देश के विरोध में काम करने के लिए किसी भी सशस्त्र संगठन को अफगानिस्तान में शरण नहीं मिलेगी। हालांकि इस मामले में भारतीय अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पश्चिमी देशों की तरफ से पाकिस्तान पर मसूद अजहर की गिरफ्तारी को लेकर दबाव डाला गया तो अपने ऊपर से संकट हटाने के लिए उसने अफगानिस्तान का नाम ले लिया।