पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवाद के अपने ही जाल में फंसता नजर आ रहा है। आतंकवाद से परेशान पाकिस्तान की जनता सड़कों पर उतरकर एक्शन की मांग कर रही है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भारी संख्या में लोग सड़कों पर हैं। स्वात की चारबाग तहसील और शांगला के अलपुरी के स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को घाटी में आतंकवाद के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला जारी रखी। उन्होंने सड़कों पर उतरकर अधिकारियों को क्षेत्र में शांति को बर्बाद करने वाले तत्वों पर रोक लगाने की मांग की।
पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ क्यों भड़की जनता?
सोमवार को किसी अज्ञात हमलावर ने स्कूली बच्चों को ले जा रही वैन पर स्वात जिले के गलीबाग इलाके में गोलियां बरसा दी थीं, जिसमें वाहन चालक की मौत हो गई और दो छात्र घायल हुए थे। इस हमले से आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर गए और पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ इलाके में नहीं थम रहे आतंकी हमलों के सिलसिले का अंत करने की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने जो बोया है वही काट रहा है। दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर, हाफिज सईद सहित भारत के कई सर्वाधिक वांछित आतंकवादी पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाने में हैं। इन घोषित अपराधियों के खिलाफ भारत के 'रेड नोटिस' के बावजूद पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में पाकिस्तान में आतंकवाद हर दिन अपनी चरम सीमा की अग्रसर है।
आतंक के खिलाफ खुद हथियार उठाने को तैयार पाकिस्तानी जनता
पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन का आयोजन एक स्थानीय संगठन स्वात कौमी जिरगा द्वारा किया गया था, जबकि चारबाग तहसील के विभिन्न हिस्सों के बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों ने घाटी में शांति बहाली की मांग करने वाले नारों के साथ तख्तियां लेकर प्रदर्शन में भाग लिया। पिछले हफ्ते स्वात की ख्वाजाखेला तहसील के मट्टा चौक पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर अधिकारी अपनी उचित भूमिका निभाने में विफल रहे तो वे आतंकवादियों से निपटने के लिए खुद हथियार उठा सकते हैं।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का स्वात जिला उपद्रव ग्रस्त है। अगस्त के महीने में यहां आतंकी गतिविधियों के फिर से सामने आने के बाद से स्थानीय लोगों का शुक्रवार को आठवां विरोध प्रदर्शन था। सबसे हालिया विरोध मंगलवार को हुआ, जब चारबाग में एक स्कूल वैन में गोलीबारी हुई, जिसमें चालक की मौत हो गई और दो बच्चे घायल हो गए थे। हमले में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं पूरी हुई, तो वे इस्लामबाद तक मार्च करेंगे। अधिकारियों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को इस हमले के लिए दोषी ठहराया है, लेकिन अब तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। समाचारपत्र के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासन से बात की है, लेकिन इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा है।
राजनीतिक एवं सार्वजनिक मामलों के प्रधानमंत्री के सलाहकार, अमीर मुकाम भी अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन में आए। उनका कहना था कि घाटी से अंतिम आतंकवादी के खात्मे तक प्रदर्शन जारी रहेगा। अपनी टिप्पणी में, मुकाम ने कहा: "पीएमएल-एन स्वात में शांति से कभी समझौता नहीं करेगी।" उन्होंने कहा कि हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं और हम स्वात के लोगों के साथ शांति के लिए खड़े हैं।
ऐसा ही विरोध स्वात जिले के शांगला के अलपुरी इलाके में भी हुआ। नारे लगाने वाले निवासियों ने क्षेत्र में स्थायी शांति की मांग की और हाल ही में मलकंद डिवीजन के कुछ हिस्सों में आतंकवाद के पुनरुत्थान की निंदा की। स्थानीय नागरिक समाज निकाय "शंगला पीस मूवमेंट" द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में लगभग सभी दलों के राजनीतिक नेता, कार्यकर्ता, शिक्षावि, वकील, ट्रांसपोर्टर, युवा और छात्र शामिल हुए, जिन्होंने शांति और आतंकवाद के खात्मे की मांग की।