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पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा- अफगानिस्‍तान की अनदेखी नहीं करे दुनिया

Gulabi
3 Sep 2021 12:00 PM GMT
पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा- अफगानिस्‍तान की अनदेखी नहीं करे दुनिया
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अफगानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान ने दुनिया को आगाह किया है

अफगानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान ने दुनिया को आगाह किया है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने तालिबान का पक्ष लेते हुए कहा कि दुनिया अफगानिस्तान को इस मुश्किल दौर में अकेला नहीं छोड़े। उन्‍होंने कहा कि इसके गंभीर और खतरनाक पर‍िणाम सामने आ सकते हैं। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात नहीं सुधरे और उसे अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी से मदद नहीं मिली तो यहां गृ‍ह युद्ध हो सकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे हालात में आतंकवादी संगठन यहां फिर अपना ठिकाना बना सकते हैं। उन्होंने इसके लिए अमेरिकी रवैये को भी गैर जिम्मेदार बताया।

कुरैशी ने कहा- अफगानिस्‍तान की अनदेखी नहीं करे दुनिया
कुरैशी ने अमेरिकी न्यूज चैनल 'स्काय न्यूज' को दिए अपने साक्षाप्‍ताकर में कई मुद्दों पर बात की। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि 1990 के दशक में भी अफगानिस्तान को अकेला छोड़ दिया गया था। उस वक्‍त गंभीर परिणाम सामने आए थे। अफगानिस्‍तान में एक बार फ‍िर वही हालात सामने हैं। उन्‍होंने कहा कि दुनिया को पुरानी गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर इस बार ऐसा हुआ तो वहां फिर आतंकी पनाहगाहें बन जाएंगी और इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। विदेश मंत्री का कहना है कि दुनिया के सामने इस मामले में कई विकल्प हो सकते हैं।
अफगानिस्‍तान में गृह युद्ध के आसार
व‍िदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की समस्‍या पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया गया तो वहां गृह युद्ध हो सकता है। अफगानिस्‍तान में अराजकता फैल सकती है। उन्‍होंने कहा कि और इसका लाभ आतंकी संगठन उठा सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान ऐसा कभी नहीं चाहता। यह सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री पश्चिमी देशों पर तालिबान शासन की मान्‍यता को लेकर दबाव बना रहे हैं। इस सवाल के जवाब में पाक विदेश मंत्री ने कहा कि आपका अंदाजा सही नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हम अफगानिस्‍तान को ध्‍यान में रखकर यह बात कह रहे हैं। कुरैशी ने कहा कि अब का तालिबान 1996 वाला नहीं है। तालिबान ने अपने तरीके में बदलाव किया है। पाकिस्‍तान को उनसे काफी उम्‍मीद है। व‍िदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान को मुल्क चलाने के लिए फंडिंग और दूसरी विदेशी मदद की सख्त जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि नहीं तो हालात बद से बदतर होने में देर नहीं लगेगी।
इस्लामाबाद समेत देश के कई हिस्सों में तालिबानी झंडे फहराए
उधर, तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद राजधानी इस्लामाबाद समेत देश के कई हिस्सों में तालिबानी झंडे फहराए गए। तालिबान के पक्ष में रैलियां भी हुईं। इस प्रश्‍न पर विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्‍तान में 40 लाख अफगानी रहते हैं। उनमें से एक बड़ा तबका तालिबान समर्थक हैं। यह उनकी ही हरकत है। उन्‍होंने कहा कि हम कोई डबल गेम नहीं खेल रहे। विदेश मंत्री ने कहा कि हम पर तालिबान की मदद के आरोप गलत हैं। उन्हें हमारी कोई जरूरत नहीं है। मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि अमेरिका को अफगानिस्तान छोड़ने की रणनीति पर अमल करने में जिम्मेदारी का परिचय देना था।
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