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पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने से आम नागरिक अपनी मातृभूमि छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं
पिछले महीने अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने से आम नागरिक अपनी मातृभूमि छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। पाकिस्तान ने गुरुवार को अफगानिस्तान के साथ एक प्रमुख सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
अमेरिका समेत दूसरे देशों के सैनिकों की घर वापसी के बाद से तालिबान ने देश के हवाई अड्डों को बंद कर दिया है। जिसके बाद से नागरिक अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए ईरान, पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों की सीमाओं की तरफ रुख करने पर मजबूर हो गए हैं।
जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चमन बॉर्डर क्रॉसिंग, जो अफगानिस्तान के साथ दूसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक बॉर्डर है उसे सुरक्षा के कारण बंद कर दिया गया है।
कुछ दिन पहले, आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा था कि सुरक्षा खतरों के कारण चमन क्रॉसिंग कुछ दिनों के लिए बंद हो सकती है। उन्होंने यह नहीं बताया था कि सीमा कब तक बंद रहेगी। हमारी सेना सीमा पर मौजूद है और सीमा और उसके आसपास शांति है। देश की सुरक्षा के लिए वे जो सेवा कर रहे हैं, उसके लिए हमें अपने सुरक्षा संस्थानों पर गर्व है।
राशिद अहमद ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता चाहता है, क्योंकि अफगानिस्तान में शांति पाकिस्तान में शांति के लिए महत्वपूर्ण है।
चमन बॉर्डर क्रॉसिंग पाकिस्तान के शहर चमन को कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक से जोड़ता है। दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए अफगानों द्वारा अक्सर इसी बॉर्डर का इस्तेमाल किया जाता है।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हजारों की संख्या में अफगान नागरिक पाकिस्तान में घुसने के लिए क्रॉसिंग के आसपास जमा हो रहे हैं। जबकि पाकिस्तान पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह और अधिक शरणार्थियों को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। तीन दशकों से भी अधिक समय से, लगभग 30 लाख अफगान शरणार्थी पहले से ही पाकिस्तान में रह रहे हैं।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि अगर सीमा नियमों में ढील दी जाएगी तो लगभग दस लाख और अफगान नागरिक देश में घुस जाएंगे।
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