विश्व

Pakistan ने 'SAARC Summit' की मेजबानी में दिखाई दिलचस्पी, उरी हमले के बाद से नहीं हुआ कोई भी बैठक

Renuka Sahu
25 Dec 2021 1:41 AM GMT
Pakistan ने  SAARC Summit की मेजबानी में दिखाई दिलचस्पी, उरी हमले के बाद से नहीं हुआ कोई भी बैठक
x

फाइल फोटो 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन SAARC Summit के शिखर सम्मेलन के रास्ते में आने वाली ‘कृत्रिम बाधा’ के दूर होने के बाद उनका देश इस सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन SAARC Summit (दक्षेस) के शिखर सम्मेलन के रास्ते में आने वाली 'कृत्रिम बाधा' के दूर होने के बाद उनका देश इस सम्मेलन की मेजबानी करेगा. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के अनुसार खान ने दक्षेस के महासचिव एसाला रुवन वीराकून के साथ अपनी बैठक के दौरान यह टिप्पणी की.

वीराकून ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की. विदेश कार्यालय ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने इसके (दक्षेस) रास्ते में बनाई गई कृत्रिम बाधा को हटा दिए जाने पर पाकिस्तान में दक्षेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने को लेकर आशा व्यक्त की है.'' दक्षेस अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका का एक क्षेत्रीय समूह है. वर्ष 2016 से यह बहुत प्रभावी नहीं रहा क्योंकि 2014 में काठमांडू में आयोजन के बाद से द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है.
उरी हमले के बाद से नहीं हुआ दक्षेस का सम्मेलन
मूल रूप से 2016 का दक्षेस शिखर सम्मेलन 15-19 नवंबर, 2016 को इस्लामाबाद में आयोजित होने वाला था. लेकिन उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 'मौजूदा परिस्थितियों' के कारण शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता जताई थी.
बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इस्लामाबाद में बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था. वीराकून के साथ अपनी बैठक के दौरान खान ने आपसी हित के लक्ष्यों और दक्षेस घोषणा में निहित उद्देश्यों के लिए काम करने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया है.
दक्षेस देशों के साझा हितों पर काम करने पर दिया जोर
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार इमरान खान ने दक्षेस देशों के साझा हितों वाले मुद्दों जैसे, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, गरीबी, ऊर्जा, और स्वास्थ्य चुनौतियों पर काम करने को लेकर सहमति जताई है. वहीं खान ने सरकार के सार्क प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने और उन्हें बढ़ावा देने के सार्क महासचिव के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें सार्क के दायरे में क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने में पाकिस्तान के निरंतर समर्थन का भी आश्वासन दिया.
Next Story