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राफेल से डरा पाकिस्तान, अंबाला से 551 किमी दूर अपग्रेड कर रहा एयरबेस

Deepa Sahu
19 Feb 2021 2:09 PM GMT
राफेल से डरा पाकिस्तान, अंबाला से 551 किमी दूर अपग्रेड कर रहा एयरबेस
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भारत के साथ जारी तनाव के बीच पाकिस्तान इन दिनों अपनी सामरिक शक्ति को बढ़ाने में जुटा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: इस्लामाबाद: भारत के साथ जारी तनाव के बीच पाकिस्तान इन दिनों अपनी सामरिक शक्ति को बढ़ाने में जुटा है। लगातार 4 मिसाइलों को टेस्ट करने और राजस्थान सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास के बाद पाकिस्तान अब अंबाला से 551 किलोमीटर दूर स्थित मियांवाली एयरबेस को अपग्रेड कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान पंजाब प्रांत के इस एयरबेस पर नए पेट्रोलियम डिपो बनाने के साथ यहां की ऑपरेशनल क्षमता को भी तेजी से बढ़ा रहा है। पाकिस्तान ने भारत के साथ 1965 के युद्ध में इस एयरबेस का उपयोग किया था।

मियांवाली एयरबेस को ताकतवर बना रहा पाकिस्तान
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ की सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने मियांवाली एयरबेस के उत्तर में कम से कम चार पेट्रोलियम डिपो बना रहा है। इसका सीधा मतलब यह है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स इस एयरबेस की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने की तैयारी कर रही है। यहां पहले से चीन में बने हुए एंटी स्टील्थ रेडार तैनात हैं। इसके अलावा चीनी ड्रोन अक्सर मियांवली एयरबेस से उड़ान भरते दिखाई देते हैं। ऐसे में अगर पाकिस्तान इस बेस को और ताकतवर बना रहा है तो भारत की चिंताएं बढ़ सकती है।
इस एयरबेस को क्यों मजबूत कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान को डर है कि भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान बॉर्डर के पास स्थित उसके एयरबेसों को आसानी से निशाना बना सकते हैं। इन बेसों से उड़ान भरने वाले पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारत के बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइलों की जद में हैं। बड़ी बात यह है कि ऐसे हमले करने के लिए भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान में घुसना भी नहीं पड़ेगा। इसी से डरकर पाकिस्तान अब राफेल लड़ाकू विमान के बेस अंबाला से 551 और पठानकोट से 384 किमी दूर स्थित इस एयरबेस को अपग्रेड कर रहा है।
भारत के सामने बौनी है पाकिस्तानी वायुसेना
पाकिस्तान के पास अभी तक कोई ऐसा लड़ाकू विमान नहीं है जो भारत के राफेल लड़ाकू विमान को टक्कर दे सके। पाकिस्तानी वायुसेना के पास सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान अमेरिकी एफ-16 है। जिनमें से कई अभी स्पेयर पार्ट्स के न मिलने के कारण उड़ान नहीं भर सकते हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तान के पास 40 में से अभी कुल 34 एफ-16 फाइटर जेट ही बचे हैं। यह विमान राफेल और सुखोई-30 एमकेआई की जोड़ी के आगे नहीं टिक पाएगा। रही बात चीन के जेएफ-17 की तो उससे तो भारत का स्वदेशी तेजस निपट लेगा।
7 दिसंबर से 27 दिसंबर तक पाकिस्तान में हुए शाहीन युद्धाभ्यास के दौरान चीन ने J-10C और J-11B फाइटर जेट्स के अलावा KJ-500 अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट, Y-8 इलेक्ट्रॉनिक वॉर्निंग एयरक्राफ्ट को उतारा था। वहीं पाकिस्तान ने JF-17 और मिराज III फाइटर जेट को अपनी तरफ से इस युद्धाभ्यास में शामिल किया था। बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान को पहले ही अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों को इस युद्धाभ्यास में शामिल न करने की चेतावनी दी थी।
पाकिस्तान केवल भारत के राफेल लड़ाकू विमानों से परेशान नहीं है। बल्कि, उसकी चिंता मीटिओर, माइका जैसे मिसाइलों से भी बढ़ी है। इसके अलावा पाकिस्तान भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद से भी परेशान है। पाकिस्तानी एयरफोर्स वर्तमान में अपने 124 जेएफ-17 फाइटर जेट पर ही निर्भर है। इसके अलावा उसके पास 40 से भी कम संख्या में एफ -16 और मिराज फाइटर जेट हैं।
ड्रैगन उत्‍तर भारत से सटे अपने इलाकों में हवाई ताकत को लगातार मजबूत करने में जुट गया है। चीन ने अपने भारत से लगे हवाई ठिकानों पर परमाणु बम गिराने में सक्षम विमानों से लेकर हमलावर ड्रोन विमान तक तैनात कर दिए हैं। यही नहीं चीन नए एयरबेस भी बना रहा है। चीन भारत से सटे अपने 13 एयरबेस को लगातार अपग्रेड करने में जुटा हुआ है। चीन के ये एयरबेस भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के भारतीय इलाकों से सटे हुए हैं।

राफेल को भारत की जरूरतों के हिसाब से मॉडिफाई किया गया है। राफेल की रेंज 3,700 किलोमीटर है, यह अपने साथ चार मिसाइल ले जा सकता है। राफेल की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल का विंगस्‍पैन सिर्फ 10.90 मीटर है जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है। विमान छोटा होने से उसकी मैनुवरिंग में आसानी होती है।


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