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पाकिस्तान: पाक पीएम इमरान खान के जवाबदेही और आंतरिक सलाहकार नियुक्त किये गए सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर मुसद्दीक अब्बासी
Renuka Sahu
27 Jan 2022 12:57 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जवाबदेही और आंतरिक सलाहकार शहजाद अकबर के इस्तीफा देने के बाद बुधवार को सेना के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर मुसद्दीक अब्बासी को नया सलाहकार नियुक्त किया गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जवाबदेही और आंतरिक सलाहकार शहजाद अकबर के इस्तीफा देने के बाद बुधवार को सेना के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर मुसद्दीक अब्बासी को नया सलाहकार नियुक्त किया गया है। शहजाद अकबर ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर मुसद्दीक अब्बासी को नियुक्त किया है। अब्बासी पहले पाकिस्तान के शीर्ष भ्रष्टाचार विरोधी निकाय, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
अब्बासी की नियक्ति को लेकर जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, "संविधान के अनुच्छेद 93 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह पर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) मुसद्दीक अब्बासी को जवाबदेही और आंतरिक मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया है।"
यह नियुक्ति शहजाद अकबर द्वारा अपना इस्तीफा देने के दो दिन बाद यह कहते हुए की गई है कि शहजाद सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से जुड़े रहेंगे।सरकारी सूत्रों ने कहा कि शहजाद को पद छोड़ने के लिए कहा गया था और प्रधानमंत्री खान उनके प्रदर्शन से खुश नहीं थे।
शहजाद अकबर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के आसिफ अली जरदारी जैसे विपक्षी नेताओं द्वारा कथित बड़े भ्रष्टाचार के संबंध में अपने लंबे दावों के कारण एक विवादास्पद व्यक्ति बने रहे। पीएम इमरान खान के लगभग साढ़े तीन साल के कार्यालय में, खान पर बढ़ती कीमतों के कारण सार्वजनिक समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ भ्रष्ट राजनेताओं को दंडित करके बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को ठीक करने के अपने वादों को पूरा करने का दबाव है।
हालांकि अकबर ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ा है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि खान ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था। पीटीआई के एक नेता के मुताबिक, दरअसल प्रधानमंत्री शहजाद के काम से खुश नहीं थे और कुछ समय से उनके प्रतिस्थापन की तलाश कर रहे थे।
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