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पाकिस्तानी नागरिकों को पता चलेगा कि उनकी ओर से प्राप्त उपहारों का उचित प्रबंधन किया जा रहा है।
पाकिस्तान सरकार 2018 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री इमरान खान को मिले उपहारों से संबंधित जानकारी का खुलासा करने से हिचक रही है। उसने उपहारों का ब्योरा देने से साफ इनकार कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
डान की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कैबिनेट डिवीजन ने पाकिस्तान सूचना आयोग (पीआइसी) के आदेश को चुनौती दी है। इसमें अगस्त 2018 से अभी तक इमरान खान को मिले उपहारों का विवरण मांगा गया है। कैबिनेट डिवीजन ने दावा किया कि पाकिस्तान सूचना आयोग का आदेश पूरी तरह से अवैध है।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का कहना है कि तोशाखाना से संबंधित किसी भी जानकारी का खुलासा अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खतरे में डाल सकता है। इससे पहले, पाकिस्तान सूचना आयोग ने कैबिनेट डिवीजन को प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, सरकारों के प्रमुखों और अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया था।
डान के मुताबिक, कैबिनेट डिवीजन ने पीआइसी के अनुरोध को यह कहते हुए स्वीकार नहीं किया कि मामला सूचना तक पहुंच के अधिकार अधिनियम, 2017 के दायरे में नहीं आता है। इसमें यह भी कहा गया है कि तोशाखाना से संबंधित जानकारी जारी करने से अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खतरा हो सकता है। हालांकि, सूचना आयोग ने स्पष्ट किया था कि जब इन उपहारों के बारे में प्रमाणित जानकारी सार्वजनिक की जाएगी, तो पाकिस्तानी नागरिकों को पता चलेगा कि उनकी ओर से प्राप्त उपहारों का उचित प्रबंधन किया जा रहा है।
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