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72 वर्षीय आरिफ अल्वी देश के 13वें राष्ट्रपति हैं। वो सितंबर 2018 में इस पद पर आसीन हुए थे।
पाकिस्तान में मचा सियासी भूचाल अभी थमा नहीं है। पिछले माह से जारी सियासी घमासान में एक भूमिका वहां के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की भी रही थी। पहले कहा जा रहा था कि वो भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि, अब उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट में राष्ट्रपति आफिस का हवाला देते हुए कहा है कि वो इस्तीफा देने के खिलाफ हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान को केयरटेकर पीएम बने रहने का आदेश पारित किया था। अपने आदेश में उन्होंने इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दोबारा चुनाव कराने की भी बात कही थी। इसके बाद से ही पाकिस्तान की राजनीति के जानकारों का कहना था कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने यहां तक कहा था कि राष्ट्रपति पर इसके लिए कटेंप्ट आफ कोर्ट का मामला बनता है। इसको देखते हुए कहा जा रहा था कि वो अपने पद से इस्तीफा तक दे सकते हैं। हालांकि अब उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया है।
ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है राष्ट्रपति अल्वी ने ये फैसला पीटीआई के नेताओं से हुई चर्चा के बाद लिया है। खबर के मुताबिक पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने उन्हें पद पर बने रहने की सलाह दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि नई सरकार उन्हें हटाने के लिए कोई कदम उठाती है तो उस समय की परिस्थिति को देखते हुए ही फैसला लिया जाना चाहिए। इसके बाद ही इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वो नई सरकार में भी राष्ट्रपति के पद पर बने रहेंगे। 72 वर्षीय आरिफ अल्वी देश के 13वें राष्ट्रपति हैं। वो सितंबर 2018 में इस पद पर आसीन हुए थे।
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