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रूस से गेहूं और चीन से खाद मांगने की तैयारी में पाकिस्तान, खाने की किल्लत से जनता परेशान

Kajal Dubey
9 Jun 2022 2:12 PM GMT
रूस से गेहूं और चीन से खाद मांगने की तैयारी में पाकिस्तान, खाने की किल्लत से जनता परेशान
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कंगाल हो चुके पाकिस्तान में अब गेहूं की किल्लत हो गई है। जनता के पास खाने के लिए गेहूं नहीं बचा है तो देश में यूरिया की भी कमी हो गई है। देश के हालात को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूस से गेहूं और चीन से यूरिया के आयात पर जोर दिया है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान ने यह साफ कर दिया है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ की ओर से रूप पर लगाए गए प्रतिबंध खाद्य पदार्थों पर लागू नहीं होते हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने अधिकारियों को गवर्मेंट टू गवर्मेंट (G 2 G) डील के आधार पर यूरिया आयात सौदे पर छूट के लिए चीनी अथॉरिटी से बात करने का निर्देश दिया है। हाल ही में एक कैबिनेट बैठक में चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि रूस से गेहूं का आयात G2G आधार पर होना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पाकिस्तान में खपत होने वाली इस फसल की गुणवत्ता अच्छे स्तर की हो।
पाकिस्तान प्रतिबंध मानने से किया इनकार
विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने स्पष्ट किया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंध खाद्य पदार्थों पर लागू नहीं होते हैं और गेहूं के आयात पर रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत G2G आधार पर थी। उन्होंने बैठक में भाग लेने वालों को यह भी बताया कि चूंकि ये संयुक्त राष्ट्र के लगाए प्रतिबंध नहीं हैं, ऐसे में पाकिस्तान के लिए इन्हें मानना बाध्यकारी भी नहीं है।
शहबाज ने दिया चीनी अधिकारियों से बात करने का निर्देश
पाकिस्तानी पीएम ने गवर्मेंट टू गवर्मेंट डील के आधार पर यूरिया के आयात पर उद्योगों और प्रोडक्शन सचिव को चीनी अधिकारियों के साथ जुड़ने और संभावित छूट पर बातचीत करने का प्रयास करने का निर्देश दिया। इससे पहले, उद्योग और उत्पादन मंत्रालय ने कैबिनेट बताया था कि आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने 16 मई को हुई अपनी बैठक में जी2जी आधार पर 200,000 टन यूरिया के आयात की अनुमति इस शर्त के साथ दी थी कि खरीद डिफर्ड पेमेंट के आधार पर की जाएगी। बाद में इसे फेडरल कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी।
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