पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस महीने के आखिर में रूस की यात्रा पर जा सकते हैं। करीब 20 वर्षो में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की यह पहली मास्को यात्रा होगी। समाचार पत्र दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा है कि खान के 23 से 26 फरवरी के बीच रूस जाने की उम्मीद है।
बीजिंग ओलिंपिक उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए चीन से लौटने के बाद इमरान रूस जा सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस समारोह में शामिल हुए, लेकिन शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार हनन को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और पश्चिम के कई देशों ने दूरी बना ली। इमरान खान की रूस यात्रा को पश्चिम के लिए एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है, खासकर तब जब उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने देने के मुद्दे पर अमेरिका को स्पष्ट रूप से मना कर दिया। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जनवरी 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद से खान को फोन तक नहीं किया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने पश्चिम एवं मानवाधिकार समूहों के चीन पर शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के दमन करने के आरोप की तरफ से नजरें फेर ली हैं। इमरान ने रविवार को शिनजियांग मुद्दे पर चीन का समर्थन कर दिया और उन्होंने दक्षिण चीन सागर के साथ ही एक-चीन सिद्धांत पर भी कम्युनिस्ट सरकार का पक्ष लिया।बीजिंग में इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, 'पाकिस्तान ने 'एक चीन नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है और ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत' पर चीन का समर्थन किया है।'इस्लामाबाद ने एक चीन नीति और दक्षिण सागर से संबंधित मुद्दे पर अपना समर्थन व्यक्त किया है। पश्चिम इसे बीजिंग द्वारा अपनी विस्तारवादी रुख को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार किए गए भेदभाव करने वाले नियम के रूप में देखता है। संयुक्त बयान में कहा गया है, 'चीन ने पाकिस्तान को उसकी संप्रभुता, स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा के लिए अपना समर्थन दोहराया। इसके साथ ही चीन उसके सामाजिक आर्थिक विकास एवं समृद्धि को प्रोत्साहन देगा।