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पेरिस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को बड़ी राहत दी है। जहां चार साल बाद आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन पर FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से शुक्रवार को बाहर कर दिया है। अब पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विदेशी पैसे प्राप्त करने की कोशिश कर सकता है।
FATF ने म्यांमार पर भी अहम आदेश देते हुए ब्लैकलिस्ट में डालने का काम कर दिया है। एक जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान दूसरा देश है जिसे ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया है। उसकी तरफ से कुल 34 मापदंडों पर खरा उतरा गया है। अभी पाकिस्तान को आगे भी एशिया-पैसिफिक ग्रुप के साथ मिलकर काम करना होगा।
FATF ने बयान जारी करते हुए कहा, पाकिस्तान "अब FATF की निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है, अपने AML/CFT (धन शोधन विरोधी और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण) प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए APG (एशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग) के साथ काम करना जारी रखेगा।" पाकिस्तान ने धन शोधन के खिलाफ प्रयासों को मजबूत किया है, वह आतंकवाद को मिल रहे वित्त पोषण से लड़ रहा है, तकनीकी खामियों को दूर किया गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा किए गए तमाम प्रयासों पर मुहर लगा दी गई है। उनकी तरफ से सेना को भी बधाई दी गई है, कहा गया है कि उनकी मेहनत भी रंग लाई है।
क्या है FATF
जानकारी के लिए बता दें कि FATF (Financial Action Task Force) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संस्था है। यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करता है, जो कि आतंकवाद को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं। पाकिस्तान पर आरोप लगे थे कि वहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम हो रहा है। इस आरोप के बाद पाकिस्तान को 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। लेकिन अब कुछ रिपोर्ट्स के आधार पर FATF ने पाकिस्तान को राहत देने का काम कर दिया है। भारत की तरफ से इसका विरोध जरूर किया गया, लेकिन FATF ने उसे नजरअंदाज कर दिया।
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