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पत्रकारों को चार साल के लिए जेल में डालने का काला युग खत्म हो गया है। आपकी बदमाशी अब काम नहीं करेगी।"
पाकिस्तान में अब पत्रकारों की सुरक्षा चाकचौबंद होने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने अधिकारियों को वरिष्ठ पत्रकारों और उनके घरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं। पाकिस्तान में इमरान खान के शासन के दौरान कई पत्रकारों पर हमला किया गया था। इसको लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) पीएमएल-एन के प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अहसान यूनिस से संपर्क किया है और उन्हें इसके मद्देनजर दिशानिर्देश भी दिए हैं।
इमरान राज में इन पत्रकारों पर हुए थे हमले
पूर्व पाक पीएम इमरान खान की सरकार में कई पत्रकारों पर हमले हुए थे। उन्हीं में से एक असद अली तूर पर कथित तौर पर 2021 में उनके इस्लामाबाद आवास पर तीन नकाबपोश लोगों ने हमला किया था, एक अन्य पत्रकार जाहिद शरीफ राणा को इमरान खान से जुड़े एक विधायक के राजनीतिक सहयोगियों और रिश्तेदारों पर एक रिपोर्ट के लिए निशाना बनाया था। एक प्रमुख पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर को शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ कठोर टिप्पणी करने के लिए अनिश्चित काल के लिए चैनल से हटा दिया गया था।
मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर दी जानकारी
प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने आज ट्वीट कर कहा कि "जिन लोगों ने वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर, अस्मा शिराजी और सलीम सफी के घरों पर हमला करने की कोशिश की थी अब उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। आईजी इस्लामाबाद सहित संबंधित कानून प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं इस तरह के किसी भी अपराधी को बखशा नहीं जाए।
इमरान का काला युग खत्म
औरंगजेब ने कहा कि संविधान ने नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों की गारंटी दी है, इसलिए कानून को अपने हाथ में लेने वालों को कोई रियायत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के बाद पत्रकारों को डराना-धमकाना और प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया, "इमरान साहब का पत्रकारों का दम घोंटने, उनकी पसलियां तोड़ने, उन्हें गोली मारने, टीवी शो को ऑफ-एयर करने, पत्रकारों को चार साल के लिए जेल में डालने का काला युग खत्म हो गया है। आपकी बदमाशी अब काम नहीं करेगी।"
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