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पाकिस्तान न्यूज
इस्लामाबाद, एएनआइ। आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे पाकिस्तान के सामने यूरोपीय संघ (ईयू) के जेनरलाइज्ड स्कीम आफ प्रीफरेंसेज प्लस (जीएसपी प्लस) दर्जा खोने का भी खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्तान जीएसपी प्लस में पिछले सात वर्षो से है और उसकी प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ उठा रहा है।
पाकिस्तान है इस योजना का बड़ा लाभार्थी
जीएसपी एक व्यापार व विकास नीति है, जिसे 1971 में लागू किया गया था। पाकिस्तान इसकी योजनाओं का बड़ा लाभार्थी है। इसके तहत उसे कई उत्पादों पर कोई कर नहीं देना पड़ता है। वर्ष 2024 के लिए जीएसपी प्लस को विस्तार देने के उद्देश्य से अगले कुछ महीने काफी अहम होंगे।
तय व्यवस्था के क्रियान्वयन की कर रहे हैं निगरानी
डान की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्र लाभ प्राप्त करने वाले देशों में विभिन्न सम्मेलनों में तय व्यस्था के क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। जब लाभ पाने वाले देश योजनाओं के विस्तार के लिए आवेदन करेंगे, तो उसके प्रविधानों के क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों को आधार बनाया जाएगा।
अक्टूबर में जीएसपी प्लस की तैयार की जाएगी स्टेटस रिपोर्ट: गुइडो डोलारा
लाहौर चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम को शुक्रवार को संबोधित करते हुए यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख गुइडो डोलारा ने कहा, 'अक्टूबर में जीएसपी प्लस की स्टेटस रिपोर्ट तैयार की जाएगी। तबतक का समय योजनाओं के क्रियान्वयन के उद्देश्य से काफी अहम है।'
मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को भी किया गया रेखांकित
इनसाइडरओवर की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मामले उसके जीएसपी प्लस दर्जे को बनाए रखने के प्रयास में सबसे बड़ी बाधा साबित हो सकते हैं। साल की शुरुआत में यूरोपीय संघ के एक समूह ने संसदीय प्रस्ताव में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को रेखांकित भी किया था।
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Gulabi Jagat
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