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पाकिस्तान के सरकारी कर्मचारियों पर ISI की रहेगी नजर, प्रधानमंत्री ने सौंपी जिम्मेदारी, जानें वजह
Renuka Sahu
5 Jun 2022 1:09 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की प्रमुख खुफिया एजेंसी आइएसआइ को सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के सत्यापन और जांच का जिम्मा आधिकारिक रूप से सौंप दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की प्रमुख खुफिया एजेंसी आइएसआइ को सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के सत्यापन और जांच का जिम्मा आधिकारिक रूप से सौंप दिया है। हालांकि, खुफिया एजेंसी पहले भी अनौपचारिक रूप से यह काम करती रही है। स्थापना संभाग की अधिसूचना के अनुसार, शहबाज ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) महानिदेशालय को सभी सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों के सत्यापन और जांच के लिए विशेष जांच एजेंसी (एसवीए) के रूप में अधिसूचित किया है।
संशोधन करने का अधिकार
प्रधानमंत्री को नौकरशाही के लिए नियम बनाने या उसमें संशोधन करने का अधिकार है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोई भी अहम जिम्मेदारी सौंपे जाने से पहले सरकार संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के बारे में आइएसआइ व इंटेलिजेंस ब्यूरो से रिपोर्ट लेती है।
टीटीपी व कबायली नेताओं में संघर्ष विराम समझौता
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और पाकिस्तान के हिंसाग्रस्त खैबर पख्तूनख्वा के कबायली नेताओं के बीच तीन महीने का संघर्ष विराम समझौता कराया है। काबुल में शुक्रवार को टीटीपी और 53 सदस्यीय कबायली जिरगा (परिषद) के बीच पहले दौर की वार्ता के दौरान यह समझौता हुआ।
आतंकी समूहों का अंब्रेला संगठन है टीटीपी
पाकिस्तानी तालिबान के नाम से कुख्यात टीटीपी अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय विभिन्न इस्लामिक आतंकी समूहों का अंब्रेला संगठन है। टीटीपी ने कहा है कि वह कबायली इलाकों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अलग करने की मांग करता रहेगा।
खस्ताहाल पाकिस्तान ने छह प्रतिशत बढ़ाया रक्षा बजट
एएनआइ के अनुसार, खस्ताहाल पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में करीब छह प्रतिशत की वृद्धि की है। वेतन वृद्धि एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पाकिस्तान सरकार की आर्थिक समन्वय समिति ने रक्षा बजट में वृद्धि का फैसला लिया। ज्ञात हो कि बेलआउट पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के दबाव में पाकिस्तान को ईधन से सब्सिडी हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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