पाकिस्तान : भारत के लिए सिरदर्द साबित होगी अफगानिस्तान की नई सरकार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले महीने 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद एक तबका प्रचारित करने में लगा था कि तालिबान बदल गया है और उसका रवैया उदारवादी हो गया है। हालांकि, पिछले तीन सप्ताह में जमीन पर ऐसा कुछ दिखा नहीं। तालिबान की अंतरिम सरकार में जिन चेहरों को जगह मिली है, उससे साफ हो गया है कि भारत की मुश्किलें बढ़ने वाली है। दोहा में तालिबान के जिस ग्रुप ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता शुरू की थी और भारत से भी संपर्क साधा था, उसे सरकार में करीब-करीब किनारे कर दिया गया है।
At least six ministers in the #Taliban's interim cabinet for #Afghanistan had studied at Pakistan's Jamia Haqqania seminary (Akora Khattak), a religious scholar affiliated with the madrassa said.
— Zia Ur Rehman (@zalmayzia) September 7, 2021
Legitimate observation. How will counter terrorism coop work with one on FBI's Most Wanted List with $ 5 m reward for his arrest. US/UK have invited this further slap on their faces. This appointment of "veritable arm of ISI" explodes all nonsense about reformed Taliban. https://t.co/wOVlTXDFto
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) September 7, 2021