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पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए आतंकी और भेज रहा हथियार, कराची में है ट्रेनिंग सेंटर: अफगान उपराष्ट्रपति

Rani Sahu
24 July 2021 2:53 PM GMT
पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए आतंकी और भेज रहा हथियार, कराची में है ट्रेनिंग सेंटर: अफगान उपराष्ट्रपति
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पाकिस्तान लगातार हथियार और आतंकवादी भेजकर तालिबान की मदद कर रहा है, जिससे अफगानिस्तान काफी गुस्से में है

Pakistan Helps Taliban: पाकिस्तान लगातार हथियार और आतंकवादी भेजकर तालिबान की मदद कर रहा है, जिससे अफगानिस्तान काफी गुस्से में है. इसे लेकर अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने ट्वीट किया है और पाकिस्तान की करतूतों की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि कैसे पाकिस्तान इस लड़ाई में तालिबान का साथ दे रहा है. सालेह ने आरोप लगाते हुए कहा कि तालिबान का पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ करीबी रिश्ता है.

उपराष्ट्रपति सालेह ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani on Pakistan) के बयान को दोहराते हुए कहा कि तालिबान का आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा के साथ भी गहरा संबंध है. उन्होंने बताया कि तालिबान खुद को लड़ाई में इसलिए बनाकर रखे हुए है क्योंकि उसे जीएचक्यू (पाकिस्तान सेना का मुख्यालय) और आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) से सप्लाई (हथियार और गोला बारूद) मिल रही है. तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा और मदरसा वॉलंटीयर्स का समूह घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी सप्लाई का इस्तेमाल कर रहा है.
भारतीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की योजना
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान की सेना और आईएसआई तालिबान को मदद देना बंद कर दें, तो वह कुछ ही हफ्तों में घुटने टेक लेगा. सालेह ने दावा करते हुए कहा कि अफगान सेना ने उपकरण खो दिए हैं लेकिन हथियारों के गोदाम नहीं. ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान (Pakistan Afghanistan Relations) के रिश्ते भविष्य भी तनावपूर्ण बने रह सकते हैं (What Happened Between Pakistan and Afghanistan). पाकिस्तान ना केवल तालिबान की मदद के लिए आतंकियों को भेज रहा है बल्कि उसकी योजना अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी है.
कराची में ट्रेनिंग ले रहे तालिबानी
अमरुल्लाह सालेह ने ये दावा भी किया है कि तालिबानी आतंकी पाकिस्तान के कराची में शरण ले चुके हैं. वहां तालिबान का प्रशिक्षण केंद्र है, जहां आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता है. केवल इतना ही नहीं बल्कि तालिबान कराची में आतंकवाद के लिए धन उगाहने वाले अभियान और मदरसे भी चला रहा है. गौरतलब है कि अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की 20 साल बाद लगभग पूरी तरह वापसी हो गई है (Taliban in Afghanistan). जिसके चलते तालिबान ने अधिक आक्रामक रुख अपनाते हुए देश के आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया है. तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान की 90 फीसदी सीमाओं पर अब उसका नियंत्रण है.


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