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ग्रे लिस्ट में शामिल हुए पाकिस्तान, एफएटीएफ की टीम के दौरे से निकले सकारात्मक निष्कर्ष
Rounak Dey
4 Sep 2022 11:23 AM GMT
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इसे पहले 27-सूत्रीय कार्य योजना और बाद में FATF के मानकों का पालन करने के लिए एक और सात-सूत्रीय योजना दी गई थी।
टेरर फंडिंग के आरोपों के कारण एफएटीएफ (Financial Action Task Force, FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल हुए पाकिस्तान (Pakistan in Gray List) के हालात अब सुधरने वाले हैं। संभावना है कि जल्द ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकाल लिया जाएगा। दरअसल, एफएटीएफ की 15 सदस्यीय टीम ने यहां 5 दिवसीय दौरे पर पहुंची थी, जिसकी जानकारी गुप्त रखी गई थी। समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, एफएटीएफ की टीम ने 29 अगस्त से 2 सितंबर तक यहां रही थी।
पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबरों के मुताबिक, एफएटीएफ की टीम द्वारा किए गए पाकिस्तान दौरे से पाकिस्तान को काफी फायदा होगा और इसे ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में मजबूती मिलेगी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, अक्टूबर में पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की अगली बैठक में 15 सदस्यीय एफएटीएफ टीम के निष्कर्षों पर चर्चा और समीक्षा की जाएगी।
पाकिस्तान को देनी होगी सफाई
एफएटीएफ की बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण को रोकने के मामले में पाकिस्तान को लेकर 15 सदस्यीय एफएटीएफ टीम ने पाकिस्तान को लेकर कुछ ऐसे निष्कर्ष निकाले हैं, जिससे पाकिस्तान अपने सिस्टम में मौजूद कमियों पर सफाई दे सकेगा।
टीम के दौरे पर 70 लाख का खर्च
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि एफएटीएफ टीम, जिसे राज्य अतिथि स्तर का प्रोटोकॉल दिया गया था, 29 अगस्त से 2 सितंबर तक देश में रही। आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने एफएटीएफ सचिवालय को 15 सदस्यीय एफएटीएफ टीम के आवास, भोजन और यात्रा प्रदान करने के लिए 70 लाख रुपये के विशेष अनुदान को मंजूरी दी थी।
पाकिस्तान पूरी कर रहा शर्तें
बताया गया कि यात्रा को गुप्त रखा गया था, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एफएटीएफ प्रतिनिधिमंडल ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्तपोषण पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी की शर्त को पूरा करने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की पुष्टि की है।
2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ था देश
गौरतलब है कि FATF ने जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का संकेत दिया था, जब यह निष्कर्ष निकाला गया था कि पाकिस्तान ने 34-सूत्रीय कार्ययोजना का अनुपालन किया और उन चरणों के सत्यापन के लिए अपनी टीम भेजने पर सहमति व्यक्त की। मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान की प्रणाली में कमियों के लिए जून 2018 में FATF द्वारा पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा गया था। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इसे पहले 27-सूत्रीय कार्य योजना और बाद में FATF के मानकों का पालन करने के लिए एक और सात-सूत्रीय योजना दी गई थी।
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