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ताजिकिस्तान और तालिबान के बीच मध्यस्थता में जुटा पाक, इमरान ने राष्ट्रपति राहमोन से फोन पर की बात

Neha Dani
4 Oct 2021 2:20 AM GMT
ताजिकिस्तान और तालिबान के बीच मध्यस्थता में जुटा पाक, इमरान ने राष्ट्रपति राहमोन से फोन पर की बात
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पहले भी उसने ऐसा किया था और आगे भी करता रहेगा। यह भी तालिबान जैसा एक बड़ा खतरा है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अफगानिस्तान की तालिबान सरकार और ताजिकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव को खत्म कराने में जुट गए हैं। इमरान ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति ईमा-ओ-मा-अली राहमोन के साथ फोन पर बातचीत की। पाकिस्तानी अखबार डान ने कहा कि तालिबान अधिकारियों और ताजिक सरकार के बीच कठोर भाषा का प्रयोग किया गया। पिछले सप्ताह ताजिक सेना ने अफगानिस्तान से लगी सीमा पर परेड कर शक्ति प्रदर्शन किया तो इसके जवाब में तालिबान ने उत्तर पूर्वी सीमा पर हजारों लड़ाके भेज दिए।

पंजशीर की घटना से गुस्‍साया है ताजिकिस्तान
ताजिकिस्तान ने तालिबान शासन के प्रति कठोर रवैया अपना रखा है। खासतौर से पंजशीर प्रांत में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर ताजिकिस्तान तालिबान की आलोचना कर रहा है। ताजिकिस्तान में 18 सितंबर को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटने के बाद इमरान ने घोषणा की कि उन्होंने अन्य जाति समूहों के लोगों को शामिल कर एक समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान को राजी कर लिया है।
तालिबान का अड़ियल रुख
दूसरी तरफ तालिबान, ताजिकिस्तान द्वारा की जा रही आलोचना और सरकार की संरचना को लेकर सुझाव को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल मानता है। पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने कहा था, 'हम किसी भी पड़ोसी देश को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देंगे।'
मीडिया समूह की गतिविधियां शुरू
स्वतंत्र मीडिया समूह, अफगान पत्रकार सुरक्षा समिति ने देश में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के 45 दिनों बाद अपनी गतिविधियां बहाल कर दी हैं। सरकार में बदलाव के बाद समूह ने गतिविधियां बंद कर दी थीं। समिति ने पश्चिमी हेरात प्रांत में फोटो पत्रकार मुर्तजा समाडी को रिहा किए जाने का भी स्वागत किया है।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को पाक समर्थन खतरनाक
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक ब्रुसेल्स प्रेस क्लब में तालिबान के फिर से उदय को पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। इस संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन पर चिंता जताई गई। सीनेटर फिलिप डेविंटर ने कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है और वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। पहले भी उसने ऐसा किया था और आगे भी करता रहेगा। यह भी तालिबान जैसा एक बड़ा खतरा है।

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