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पाकिस्तानी सरकार का करीमा बलूच के शव की बेकदरी और अपमान करने का मामला बलूचिस्तान में तूल पकड़ता जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तानी सरकार का करीमा बलूच के शव की बेकदरी और अपमान करने का मामला बलूचिस्तान में तूल पकड़ता जा रहा है। संगीनों के साए में परिवार के चंद सदस्यों को बंधक बनाकर करीमा के शव को दफनाने से बलूच समुदाय में जबर्दस्त गुस्सा है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की आलोचना हो रही है। बलूचिस्तान में रहने वाले लोगों की धड़कन और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाली करीमा बलूच की टोरंटो में संदिग्ध हत्या हो गई थी।
बलूचों ने इस घटना में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का हाथ बताया है। करीमा के शव को पाकिस्तान लाए जाने के बाद संगीनों के साए में बलूचिस्तान के तुर्बत जिले में दफना दिया गया। यहां अंतिम संस्कार में चंद परिजनों को ही शामिल होने की इजाजत दी गई थी। इस घटना के बाद से बलूचिस्तान उबल रहा है। सरकार ने करीमा का शव आने पर कर्फ्यू लगाकर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं।
बलूच नेताओं ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सरकार के हाथ करीमा के खून से सने हुए हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उसने जनता की भावनाओं को कुचलते हुए करीमा के शव का अपमान किया है। शव को दफनाने के समय जिस तरह से पाबंदी लगाई गई थीं, वह जनता से जुड़े एक नेता का निरादर है। यह राज्य सरकार की मंशा को दर्शाता है। सरकार के इस कृत्य की सीनेट में विपक्षी सांसदों ने भी तीखी आलोचना की है।
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