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पाकिस्तान कोर्ट के फैसले से आतंकियों को राहत, हाफिज सईद की JUD के छह सदस्य बरी

Rounak Dey
7 Nov 2021 3:01 AM GMT
पाकिस्तान कोर्ट के फैसले से आतंकियों को राहत, हाफिज सईद की JUD के छह सदस्य बरी
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हाई कोर्ट का कहना था कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।

पाकिस्तान में लाहौर हाई कोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के छह आतंकियों को बरी कर दिया है। इन लोगों को निचली अदालत ने आतंकी फंडिंग मामलों में दोषी ठहराया था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद कर दिया है।

सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है। एलईटी 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन है। उस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।
पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने जेयूडी के इन आतंकियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद लाहौर की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने इस साल अप्रैल में जमात-उद-दावा के आतंकियों-प्रो. मलिक जफर इकबाल, याह्या मुजाहिद (जेयूडी के प्रवक्ता), नसरुल्ला, समीउल्ला और उमर बहादुर को नौ-नौ साल जेल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने हाफिज अब्दुल रहमान मक्की (सईद केरिश्तेदार) को छह महीने जेल की सजा सुनाई थी।
निचली अदालत ने इन आतंकियों को आतंकवाद के लिए फंडिंग का दोषी पाया था। वे धन एकत्रित कर इसे लश्कर-ए-तैयबा को अवैध रूप से मुहैया करा रहे थे। अदालत ने आतंकी फंडिंग के माध्यम से एकत्रित संपत्ति को जब्त करने का भी आदेश दिया था।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद अमीर भट्टी और जस्टिस तारिक सलीम शेख की खंडपीठ ने जेयूडी के छह आतंकियों के खिलाफ मामले में निचली अदालत के फैसले को रद कर दिया। हाई कोर्ट का कहना था कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।

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