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पाकिस्‍तान की कोर्ट ने PM इमरान और कैबिनेट को लगाई फटकार, इस अपराध के लिए बताया जिम्मेदार, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
2 Dec 2021 2:27 AM GMT
पाकिस्‍तान की कोर्ट ने PM इमरान और कैबिनेट को लगाई फटकार, इस अपराध के लिए बताया जिम्मेदार, जानें पूरा मामला
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फाइल फोटो 

पाकिस्तान की एक अदालत ने बुधवार को फैसला दिया कि देश में लापता किसी भी व्यक्ति के लिए जिम्मेदार प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी कैबिनेट है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) की एक अदालत ने बुधवार को फैसला दिया कि देश में लापता किसी भी व्यक्ति के लिए जिम्मेदार प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) और उनकी कैबिनेट है. इसने लापता लोगों की बरामदगी में सरकार की प्रतिक्रिया को 'दयनीय' बताया. इस्लामाबाद (Islamabad) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमहर मीनल्ला ने पत्रकार मुदस्सर महमूद नारो के बारे में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. नारो अगस्त 2018 से लापता हैं. उनके पिता महमूद इकराम ने याचिका दायर की है.

मुख्य न्यायाधीश मीनल्ला ने कहा कि जबरन किसी को गुम करना 'मानवता के खिलाफ अपराध' है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सदस्य देश के लोगों की सेवा करने के लिए हैं. लापता लोगों का पता लगाने में सरकार की प्रतिक्रिया दयनीय है.' बाद में लिखित आदेश में मुख्य न्यायाधीश मीनल्ला ने कहा कि 'जबरन गुम किए गए लोगों के मामले में जवाबदेही केंद्र सरकार है यानी प्रधानमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों की.' अदालत में मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजरी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित कर चुकी है सरकार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को लंदन में अपने डॉक्टरों से मेडिकल रिपोर्ट पेश न करके जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के मामले में सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. फरवरी 2020 में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई थी. शरीफ (70) इलाज के लिए पिछले साल नवंबर में लंदन रवाना हुए थे. लाहौर उच्च न्यायालय (Lahore High Court) ने मेडिकल आधार पर उन्हें 04 सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी.
शरीफ के डॉक्टर ने बताया था कि तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ को दिल की गंभीर बीमारी है जिसके लिए उनकी सर्जरी होनी है. 'डॉन' की खबर के मुताबिक सरकार ने मंगलवार को शरीफ की जमानत अवधि न बढ़ाने और उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर गठित बोर्ड के समक्ष मेडिकल रिपोर्ट पेश न करके जमानत शर्तों का उल्लंघन करने के लिए भगोड़ा घोषित किया.
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