पाकिस्तान में इंटरनेट मीडिया का चर्चित चेहरा रहीं 26 वर्षीय कंदील बलोच (Qandeel Baloch) की हत्या के मामले में उनके भाई को लाहौर हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। निचली अदालत ने कंदील के भाई मुहम्मद वसीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। देश में लागू इस्लामी कानून के तहत उसके माता-पिता ने वसीम को माफ करने की घोषणा की। इसके बाद हाईकोर्ट ने उसे मामले से बरी कर दिया।
हत्या मामले में रिश्तेदार का दोष होता है माफ
इस्लामी कानून में हत्या के मामले में मृतक के नजदीकी रिश्तेदार अगर दोषी को माफ कर देते हैं तो अदालत उन्हें बरी कर देती है। वसीम को 2016 में घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसने अपराध स्वीकार करते हुए बताया था कि नशे की हालत में उसने अपनी बहन फौजिया अजीम उर्फ कंदील बलोच की गला घोंटकर हत्या की थी। कंदील ने अपने कुछ फोटो फेसबुक पर पोस्ट किए थे जिन्हें परिवार और मिलने-जुलने वालों ने अपमानजनक माना। इसी के बाद आनर किलिंग की यह घटना हुई। मामले में वसीम को मुख्य आरोपी बनाया गया था जबकि उसका छोटा भाई असलम शाहीन, रिश्ते का भाई हक नवाज और मुफ्ती अब्दुल कावी भी आरोपित थे।
वसीम को हुई थी आजीवन कारावास की सजा
निचली अदालत ने असलम, हक नवाज और मुफ्ती कावी को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था जबकि वसीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में वसीम ने अपनी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। सोमवार को उसके माता-पिता ने बेटी कंदील की हत्या के जुर्म में अपना पूर्व का बयान वापस लेते हुए बेटे वसीम को माफ करने की घोषणा की। इसके बाद हाईकोर्ट में जस्टिस सुहैल नासिर ने वसीम को मामले में दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया।