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पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर ट्रोइका प्‍लस बैठक बुलाई, भारत को लेकर कही ये बात

Neha Dani
10 Nov 2021 11:09 AM GMT
पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर ट्रोइका प्‍लस बैठक बुलाई, भारत को लेकर कही ये बात
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इसके बाद ये बैठक मास्‍को में 19 अक्‍टूबर को हुई थी, जिसमें अमेरिका ने हिस्‍सा नहीं लिया था।

पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर ट्रोइका प्‍लस (Troika Plus) बैठक बुलाई है जिसमें अमेर‍िका, चीन, रूस को बुलाया गया है। ये बैठक गुरुवार को होगी, जिसमें इन देशों के वरिष्‍ठ राजनयिक हिस्‍सा लेंगे। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और देश के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ इस बैठक की अध्‍यक्षता करेंगे।

आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान के ही मुद्दे पर बुधवार को दिल्‍ली में भी पड़ोसी देशों के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक चल रही है। इसकी अध्‍यक्षता भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं। इसमें सात देश हिस्‍सा ले रहे हैं। इस बैठक के लिए चीन समेत पाकिस्‍तान को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन इन दोनों ने ही इसमें शिरकत करने से इनकार कर दिया था। दिल्‍ली में जारी बैठक में ईरान, ताजिकिस्‍तान, तुर्कमेनिस्‍तान, उजबेकिस्‍तान, रूस, कजाखिस्‍तान, किर्गीस्‍तान के एनएसए शामिल हैं।
डान अखबार की खबर के मुताबिक, इन चार देशों के राजनयिक इस दौरान अफगानिस्‍तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्‍ताकी से भी मुलाकात करेंगे। मुत्‍ताकी भी बुधवार को इस्‍लामाबाद पहुंच रहे हैं। अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा करने और सरकार गठन करने के बाद यहां के विदेश मंत्री की ये पहली विदेश यात्रा है। तालिबान ने 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा किया था। ये बैठक ऐसे समय में होने वाली है, जब तालिबान अपनी सरकार को विश्‍व बिरादरी से मान्‍यता दिलाने की कोशिश में जुटा हुआ है। हालांकि, ये भी साफ है कि वैश्विक बिरादरी तालिबान सरकार को मान्‍यता देने की जल्‍दबाजी में तब तक नहीं है, जब तक वो अपने किए गए वादों पर खरा नहीं उतरता है।
Troika Plus असल में एक बेहद खास फोरम है, जिससे अफगान आथरिटी जुड़ी हुई हैं। ये तालिबान सरकार को समर्थन दे रहा है। साथ ही मानवीय मदद पहुंचाने में भी सहायता कर रहा है। इसके अलावा ये अफगानियों के खासतौर पर महिलाओं के मानवाधिकारों पर भी ध्‍यान रखती हे। इससे पहले ये बैठक अगस्‍त में ही दोहा में हुई थी, जिसमें अमेरिका द्वारा अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर बनाए गए विशेष दूत जाल्‍मे खलिजाद ने हिस्‍सा लिया था। इसके बाद ये बैठक मास्‍को में 19 अक्‍टूबर को हुई थी, जिसमें अमेरिका ने हिस्‍सा नहीं लिया था।


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