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पाकिस्तान ने चीन के दबाव में आकर इस समिट का किया बहिष्कार, अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही ये बात

Neha Dani
12 Dec 2021 5:52 AM GMT
पाकिस्तान ने चीन के दबाव में आकर इस समिट का किया बहिष्कार, अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही ये बात
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समृद्धि के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद और महत्वपूर्ण है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि मानवीय संकट (Humanitarian Crisis) और आर्थिक पतन को रोकने के लिए हर संभव उपाय करके अफगानिस्तान में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के वास्ते अमेरिका और पाकिस्तान के बीच गहरी साझेदारी होनी चाहिए. अमेरिकी सीनेटरों के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए खान ने कहा कि दोनों देशों को आतंकवाद सहित क्षेत्र में सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए करीबी सहयोग बनाकर काम करना चाहिए.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित 'डेमोक्रेसी समिट' का बहिष्कार करने संबंधी फैसले के कारण पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है (Pakistan on Democracy Summit). ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने चीन के दबाव में आकर इस समिट का बहिष्कार किया. क्योंकि अमेरिका ने चीन को आमंत्रित नहीं किया था. पाकिस्तान के चीन से अच्छे रिश्ते हैं, जबकि चीन और अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण रिश्ता है.
खान ने गहरी साझेदारी पर जोर दिया
इस बीच शुक्रवार रात पाकिस्तान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए इमरान खान ने कहा, 'पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को महत्व देता है और सभी क्षेत्रों में, विशेष रूप से आर्थिक पैमाने पर इसका विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है.' उन्होंने कहा कि शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास के साझा उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान और अमेरिका (Pakistan US Relations) के बीच गहरी साझेदारी होनी चाहिए, विशेष रूप से मानवीय संकट और आर्थिक पतन को रोकने के लिए हर संभव उपाय करके अफगान लोगों का समर्थन करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करना चाहिए.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल?
खान ने आतंकवाद (Terrorism) सहित क्षेत्र में सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए घनिष्ठ सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला. चार सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर एंगस किंग, रिचर्ड बूर, जॉन कॉर्निन और बेंजामिन सासे शामिल हैं. प्रधानमंत्री खान (Pakistan PM Imran Khan) ने दोहराया कि दोनों देशों के बीच एक गहरी और मजबूत साझेदारी क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद और महत्वपूर्ण है.
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