पाकिस्तान के दक्षिण-पूर्व सिंध प्रांत में एक हिंदू मंदिर (Hindu Temple in Pakistan) को तोड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. स्थानीय पुलिस ने बादिन जिले के करियो घनवार इलाके में श्री राम मंदिर (Shree Ram Temple) में घटी इस घटना की एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है. शिकायतकर्ता अशोक कुमार द्वारा नामित एक स्थानीय व्यक्ति मुहम्मद इस्माइल शीदी को तोड़फोड़ के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बादिन जिले के पुलिस अधिकारी शबीर सेठार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्होंने जांच का आदेश दिया है और 24 घंटे के भीतर जांच की रिपोर्ट मांगी है.
आरोपी के मानसिक हालात खराब होने की आशंका
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें संदेह है कि आरोपी मुहम्मद इस्माइल शीदी के मानसिक हालात ठीक नहीं हैं. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि वह (इस्माइल) मानसिक रूप से अस्थिर है और जानबूझकर धार्मिक मूर्तियों को तोड़ा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि इस्माइल नशा भी करता है.
पाकिस्तान में करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. हिन्दू लोग मुख्य रूप से सिंध प्रांत में रहते हैं. बादिन जिले के करियो घनवार इलाका हिंदू कोल्ही, मेनगवार, गुवारिया और करिया समुदायों का घर है. आधिकारिक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. सिंध में हिन्दू समाज के साथ होने वाली हिंसक घटनाओं की खबर अक्सर सुनने को मिलती है.
लंदन स्थित पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता ने की निंदा
लंदन स्थित पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पाकिस्तान में न्याय के अल्पसंख्यकों के प्रवक्ता अनिला गुलज़ार ने हिन्दुओं पर हो रही बर्बरता पूर्ण हिंसक घटनाओं की निंदा करते हुए पकिस्तान के सिंध प्रान्त में हिन्दू मंदिरों की घटती संख्या पर एक महत्वपूर्ण तथ्य साझा किया. उनके अनुसार सिंध में 428 में से केवल 20 मंदिर बचे हैं. अनिल गुलज़ार ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मैं 10 अक्टूबर को बादिन सिंध पाकिस्तान में श्री राम मंदिर के खिलाफ की गई बर्बरता की क्रूर कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं.
मई में पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर में हिंदू और ईसाई समुदायों के लोगों के घरों की हो रही अनदेखी की कड़ी निंदा की थी. इस तरह की घटना का एक वीडियो इस साल की शुरुआत में इंटरनेट पर सामने आया था जिसमें भवालपुर में हिंदू समुदाय की बस्ती को गिरा दिया दिया गया था. बस्ती तोड़े जाने की इस घटना की कवायद इमरान खान सरकार में आवास मंत्री तारिक बशीर चीमा और देश के प्रमुख सूचना अधिकारी शाहिद खोखर की निगरानी में की गई थी.