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अफगानिस्तान में सहायता भेजने के लिए पाकिस्तान ने भारत को 'मानवीय मदद' की दी मंजूरी, भेजे जाएंगे 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जरूरी दवाएं

Renuka Sahu
4 Dec 2021 4:56 AM GMT
अफगानिस्तान में सहायता भेजने के लिए पाकिस्तान ने भारत को मानवीय मदद की दी मंजूरी, भेजे जाएंगे  50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जरूरी दवाएं
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फाइल फोटो 

पाकिस्तान ने वाघा सीमा के जरिए अफगान ट्रकों द्वारा 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाइयों को मानवीय मदद के तौर पर अफगानिस्तान पहुंचाने की शुक्रवार को भारत को इजाजत दी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान ने वाघा सीमा (Wagah Border) के जरिए अफगान ट्रकों द्वारा 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाइयों को मानवीय मदद के तौर पर अफगानिस्तान पहुंचाने की शुक्रवार को भारत को इजाजत दी है. इससे पहले सहायता पहुंचाने के तौर तरीकों को लेकर दोनों देशों में विवाद हो गया था (India Helps Afghanistan). भारत ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है. भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवीय सहायता पहुंचाने पर किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हम अपनी बात दोहराते हैं कि मानवीय सहायता के लिए किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए.' पाकिस्तान ने भारत को 'मानवीय उद्देश्यों के लिए अपवाद स्वरूप' अपने क्षेत्र से पड़ोसी अफगानिस्तान में गेहूं (Humanitarian Aid to Afghanistan) और जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने की इजाजत देने के अपने फैसले के बारे में पिछले हफ्ते आधिकारिक रूप से बताया था.
पहले पाकिस्तान ने ठुकराया था प्रस्ताव
पाकिस्तान ने गुरुवार को उसके क्षेत्र का इस्तेमाल कर अफगानिस्तान गेहूं भेजने के भारत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. हालांकि, विदेश दफ्तर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के रास्ते अफगान ट्रकों के जरिए गेहूं और जीवन रक्षक दवाइयों को अफगानिस्तान भेजने के लिए नई दिल्ली को इजाजत देने के फैसले के बारे में भारत को आधिकारिक रूप से बता दिया गया है (Pakistan on India). उसने कहा कि फैसला किया गया है कि वाघा सीमा से तोरखम तक मदद ले जाने के लिए अफगान ट्रकों का इस्तेमाल किया जाएगा.
उप उच्चायुक्त को बताया गया फैसला
विदेश दफ्तर ने कहा कि यह फैसला भारत के उप उच्चायुक्त को बता दिया गया है. पाकिस्तान जोर दे रहा था कि अफगानिस्तान भेजी जाने वाली गेहूं और दवाओं की खेप बाघा सीमा से पाकिस्तानी ट्रकों में रवाना की जाए जबकि भारत अपने ट्रक इस्तेमाल करना चाह रहा था (How India Helping Afghanistan). भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सहायता जरूरतमंद लाभार्थियों तक पहुंचे और एक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के माध्यम से राहत सामग्री का वितरण हो.
पाकिस्तान की तरफ से क्या कहा गया?
पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने कहा कि भारत सरकार (Indian Government) से मानवीय सहायता के वितरण में तेजी लाने के लिए जरूरी कदम उठाने की गुजारिश की गई है. उसने यह भी कहा कि यह फैसला दिखाता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों तक प्रस्तावित मानवीय मदद को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध और गंभीर है. विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर पूर्वानुमान के मुताबिक, इस साल सर्दियों में मौसम खराब रहता है तो अफगानिस्तान में बच्चों समेत लाखों लोग भुखमरी का सामना कर सकते हैं. अफगानिस्तान पर अब तालिबान का शासन है जो अगस्त के मध्य में सत्ता पर काबिज हुआ है.
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