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Pakistan: स्कूलों में बच्चों को दिखाई जाएगी 'एंटी-मलाला' डॉक्यूमेंट्री, स्कूल फेडरेशन ने कही यह बात

Deepa Sahu
13 July 2021 12:25 PM GMT
Pakistan: स्कूलों में बच्चों को दिखाई जाएगी एंटी-मलाला डॉक्यूमेंट्री, स्कूल फेडरेशन ने कही यह बात
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Pakistan में स्कूलों में बच्चों को ‘एंटी-मलाला’ डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी।

पाकिस्तान (Pakistan) के निजी स्कूल संघ ने सोमवार को पाकिस्तानी शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) पर इस्लाम, शादी और पश्चिमी एजेंडे पर उनके विवादास्पद विचारों के लिए एक डॉक्यूमेंट्री (Documentary) जारी की. मलाला, जो सोमवार को 24 साल की हो गईं, को बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष करने के चलते 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था. 17 साल की उम्र में पुरस्कार हासिल करने वाली मलाला सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार (Nobel Award) विजेता हैं.

उन्होंने भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ पुरस्कार शेयर किया था. ऑल-पाकिस्तान प्राइवेट स्कूल्स फेडरेशन के अध्यक्ष काशिफ मिर्जा ने गुलबर्ग में अपने ऑफिस में एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 'I am not Malala' डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से हम देशभर के 200,000 प्राइवेट स्कूलों के 20 मिलियन बच्चों को इस्लाम, शादी, पश्चिमी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर उनके विवादास्पद विचारों के बारे में बताएंगे.
12 जुलाई को मनाया जाता है मलाला विरोधी दिवस
मिर्जा ने कहा कि इसके पीछे विचार यह है कि हम मलाला को युवाओं के बीच बेनकाब करना चाहते हैं क्योंकि वह महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष की उनकी तथाकथित कहानी से प्रभावित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मलाला ने 'पार्टनरशिप' की बात की थी जो इस्लाम में व्यभिचार है. शादी पैगंबर की सुन्नत है और पार्टनरशिप व्यभिचार है. 12 जुलाई को, जब मलाला का जन्मदिन होता है, निजी स्कूलों में 'मलाला विरोधी दिवस' मनाया जाता है और छात्रों के सामने उनके पश्चिमी एजेंडे को उजागर करने के लिए लेक्चर और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं.
काशिफ मिर्जा ने कहा कि मलाला ने शादी नाम की संस्था को साफतौर पर खारिज कर दिया है और सुझाव दिया है कि 'पार्टनरशिप' शादी करने से बेहतर है. बिना शादी के मुसलमानों के साथ रहने को कोई भी सही नहीं ठहरा सकता क्योंकि इस्लाम में इसकी कड़ी निंदा की जाती है. उन्होंने कहा कि मलाला ने अपनी किताब 'I am Malala' पश्चिमी ताकतों के इशारे पर लिखी है, जिन्होंने मलाला का इस्तेमाल अपने गुप्त उद्देश्यों के लिए किया था.
मलाला की तस्वीर वाली किताब मार्केट से जब्त
दूसरी ओर Punjab Curriculum and Textbook Board (PCTB) के प्रवक्ता ने पुष्टि करते हुए बताया कि लाहौर के एक बुक मार्केट से स्कूली किताबों का एक पूरा स्टॉक जब्त कर लिया गया है. इस जानकारी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया और लोगों ने दावा किया कि किताबों का स्टॉक मार्केट से इसलिए जब्त किया गया क्योंकि उसमें मलाला यूसुफजई की तस्वीर को महत्वपूर्ण हस्तियों वाले पेज पर शामिल किया गया था. हालांकि पीसीटीबी के प्रवक्ता का दावा है कि किताब को बिना एनओसी के प्रकाशित करने के लिए जब्त किया गया था, न कि मलाला तस्वीर के कारण.
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