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ये लोग पाकिस्तान के भील समुदाय से जुड़े हुए थे जिन्होंने 2012 में भारत आने के बाद एक खेत किराए पर लिया था।
राजस्थान के जोधपुर मे पिछले साल 11 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की मौत के मामले को पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उठाने की तैयारी कर रहा है। इन शरणार्थियों का शव पिछले साल अगस्त में जोधपुर के एक खेत में पाया गया था। पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के प्रमुख और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सदस्य रमेश कुमार वांकवानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने दुर्घटना वाली जगह पर पाकिस्तान की पहुंच को रोका था। उन्होंने अब इस मामले को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की आगामी बैठक में उठाने का ऐलान किया है।
साल भर बाद पाकिस्तान को याद आए शरणार्थी
रमेश कुमार वांकवानी आरोप लगाया कि भारत ने हमारे उच्चायोग के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उनको अपराध स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हमें इस घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है क्योंकि मरे हुए सभी नागरिक पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक थे। हालांकि, वांकवानी ने यह नहीं बताया कि जब उनके देश में अल्पसंख्यकों की इतनी चिंता की जाती है तो वहां से हर साल सैकड़ों की संख्या में हिंदू शरणार्थी भारत में शरण लेने क्यों पहुंचते हैं?
यूएनएचआरसी में मामला उठाएगा पाकिस्तान
इमरान खान की पार्टी के इस नेता ने कहा कि हमारे ऊपर मृतकों के परिवारों का भारी दबाव है। इसलिए हमारी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का दरवाजा खटखटाया है। हम 21 जून और 9 जुलाई के बीच होने वाले यूएनएचआरसी के सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे। पाकिस्तानी विधायक ने यह भी कहा कि उनके देश में जोधपुर में मृतक शरणार्थियों के परिवारीजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए शिकायत भी दर्ज करवाई है।
पुलिस ने बाहरी पक्ष की भूमिका से किया था इनकार
बता दें कि जोधपुर पुलिस ने इस मामले की जांच में किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार किया था। उस समय जोधपुर में तैनात पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बारहट ने बताया था कि इन सभी लोगों ने किसी जहर को पीया था, जिससे इनकी मौत हो गई थी। ये लोग पाकिस्तान के भील समुदाय से जुड़े हुए थे जिन्होंने 2012 में भारत आने के बाद एक खेत किराए पर लिया था।
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