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इस्लामाबाद (आईएएनएस)| पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। जियो न्यूज ने बताया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री को तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष पेश किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी अध्यक्ष खान की गिरफ्तारी के खिलाफ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
अदालत ने अधिकारियों को पीटीआई प्रमुख को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, खान को 15 वाहनों के काफिले में अदालत लाया गया।
खान को अदालत में पेश करने का निर्देश तब आया, जब पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से पीटीआई नेता की गिरफ्तारी को देश के न्यायिक प्रतिष्ठान के लिए एक बड़ा अपमान बताया।
खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली पीटीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता करते हुए सीजेपी ने यह टिप्पणी की। पीठ में सीजेपी के अलावा जस्टिस अतहर मिनल्लाह और जस्टिस मुहम्मद अली मजहर भी शामिल थे।
सुनवाई की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री के वकील हामिद खान ने अदालत को सूचित किया कि खान अपनी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए आईएचसी गए थे।
जियो न्यूज ने बताया कि जब पीटीआई प्रमुख अपना सत्यापन करवा रहे थे, उसी समय रेंजर्स के जवान कमरे में घुस गए।
उन्होंने कहा, रेंजर्स ने इमरान खान के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इस पर, सीजेपी बांदियाल ने उस मामले के बारे में पूछताछ की, जिसमें खान जमानत बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने पूछा कि क्या बायोमेट्रिक सत्यापन किए जाने से पहले याचिका दायर की जा सकती है? इस पर वकील ने कहा कि खान बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए गए, क्योंकि इससे पहले याचिका दायर नहीं की जा सकती।
जियो न्यूज ने बताया, एनएबी (राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो) ने कानून को अपने हाथ में क्यों लिया? बेहतर होता कि एनएबी आईएचसी रजिस्ट्रार से अनुमति मांगता।
--आईएएनएस
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