
आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के दबाव में सेना को बड़ा झटका देते हुए उसका बजट घटा दिया है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तमंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने सेनाओं के विकास पर खर्च होने वाली रकम घटाकर सेना को सूचना दे दी है। दरअसल, पाकिस्तान सरकार की तरफ से एक कार्यक्रम के तहत तीनों सेनाओं के विकास के लिए जो रकम जारी की जाती है उसमें 72 अरब रुपए की कटौती कर दी गई है।
वित्तमंत्री ने यह कदम आईएमएफ की तरफ से रखी गई एक शर्त के तहत उठाया है। 72 अरब कुल बजट का पांचवा हिस्सा है और 10 जून को एक आदेश जारी कर इसमें कटौती का एलान किया गया है। आईएमएफ की बेलआउट के लिए रखी शर्त में पाकिस्तान को 153 अरब रुपए का प्राथमिक बजट अधिशेष या राष्ट्रीय उत्पादन का 0.2 फीसदी हासिल करना था।
363 अरब के बजाय 291 अरब का प्रावधान
सरकार का वास्तविक बजट नेशनल असेंबली में 10 जून को पेश किया गया था। इसमें सेनाओं के विकास कार्यक्रम के लिए 363 अरब रुपए का प्रावधान था। लेकिन अब यह रकम 291 अरब पर ही आकर रुक गई है। नेशनल असेंबली से 20 फीसदी कटौती को मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने जानकारी सार्वजनिक की है।
पाकिस्तान को चीनी कर्ज से रोकना चाहता है आईएमएफ
फायनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ का इरादा पाकिस्तान को चीन से ज्यादा कर्ज लेने पर प्रतिबंध लगाने का है। माना जा रहा है कि चीन-पाक आर्थिक गलियारे के लिए चीन से 7.9 अरब रुपये मांगने की इस्लामाबाद की योजना अब आईएमएफ की सिफारिशों पर निर्भर रह सकती है। आईएमएफ ने चीन से पाकिस्तान के ऋण और चीनी स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को मनमाने ढंग से उच्च भुगतान पर आपत्ति जताई है। उसने इस्लामाबाद को बीजिंग के साथ अपने ऊर्जा समझौतों पर फिर से बातचीत करने का सुझाव भी दिया है।