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इस्लामाबाद,(आईएएनएस)| देश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली से विश्वास मत हासिल करने पर विचार कर रहे हैं, एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा सरकार के गठबंधन सहयोगियों ने शरीफ को पंजाब में आम चुनाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा के बीच संसद के निचले सदन से विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव दिया है।
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सहयोगियों ने प्रधानमंत्री और संघीय कैबिनेट के सदस्यों को शीर्ष अदालत में पेश होने का भी सुझाव दिया है। दूसरी ओर, शरीफ सभी राजनीतिक फैसले आपसी विचार-विमर्श और सहमति के बाद करेंगे।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दो प्रांतों में विधानसभा चुनावों में देरी के पाकिस्तान के चुनाव आयोग के फैसले को असंवैधानिक घोषित करते हुए सरकार को देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत पंजाब में 14 मई को मध्यावधि चुनाव कराने का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत का हालिया फैसला न्यायपालिका और सरकार के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच आया है। सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शक्तियों को कम करने के उद्देश्य से एक नया कानून पारित किया था।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तनाव को बढ़ाते हुए कई सरकारी अधिकारियों ने पीटीआई मामले की सुनवाई कर रही तीन सदस्यीय पीठ में विश्वास की कमी का हवाला देते हुए सार्वजनिक रूप से शीर्ष अदालत की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्त किया। दो अन्य जजों के खुद को इससे अलग कर लेने के बाद यह विवाद और गहरा गया।
सरकार ने इस मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों की एक पूर्ण पीठ का अनुरोध किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया था। जवाब में, सरकार ने यह कहते हुए अदालत के फैसले को खारिज कर दिया कि यह केवल संकट को बढ़ाने का काम करेगा।
स्थिति विवादास्पद और अनसुलझी बनी हुई है।
--आईएएनएस
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