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'क्या मैं पाकिस्तानी नहीं हूँ, क्या मैं यहाँ केवल अपना वोट डालने आया हूं?'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। अपनी ही पार्टी और सेना से पीएम इमरान खान अपना समर्थन खो रहे हैं। राजनीतिक चुनौतियों के बीच, पीएम ढेरों सवालों से दिन-ब-दिन घिरते जा रहे हैं। देश में बदलाव की मानों लहर सी दौड़ रही है, जिसमें पीएम इमरान खान की सरकार लपेटे में है। नीति अनुसंधान समूह (POREG) ने पाकिस्तान में इसे 'बदलाव की हवा' बताया है।
रक्षा मंत्री परवेज खट्टक का पाकिस्तान सरकार पर हमला
सत्तारूढ़ पाकिस्तान सरकार के रक्षा मंत्री परवेज ने पीएम इमरान खान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र द्वारा खैबर पख्तूनख्वा (केपी) की लापरवाही को लेकर हमला बोला है। उन्होंने बताया कि इमरान खान की आंतरिक सुरक्षा को लेकर सेना के भीतर असंतोष का माहौल है। रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि रक्षा मंत्री खट्टक प्रधान मंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
लाहौर के प्रसिद्ध अखबार द नेशन के मैतीन हैदर के अनुसार, 'इन-हाउस' चार्ज के लिए खट्टक को संसद के निचले सदन (नेशनल असेंबली) में अस्सी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में रक्षा मंत्री खट्टक का समर्थन खोना इमरान सरकार के बड़ा झटका साबित हो सकता है। बता दें कि रक्षा मंत्री खट्टर का सरकार पर गुस्सा उस वक्त फूटा जब 13 जनवरी, को एक संसदीय दल की सभा के दौरान उन पर पाकिस्तान की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के उद्घाटन से चूकने का आरोप लगाया गया था।
मंत्री खट्टर ने आगे कहा कि 'बिजली और गैस के प्रावधान में खैबर पख्तूनख्वा (केपी) की उपेक्षा की जा रही है, जबकि अन्य प्रांतों के लोग इन सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं।' उन्होंने इमरान खान को चेतावनी दी, 'अगर स्थिति बनी रही, तो केपी के लोग पीटीआई को वोट नहीं देंगे।'
पीटीआई के एक अन्य दिग्गज नूर आलम ने भी इमरान खान की आलोचना की, उन्होंने अपने गृह नगर की तुलना प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से करते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि पेशावर इस देश का जिला नहीं, बल्कि मियांवाली और स्वात है' यही नहीं नूर आलम के एक बयान से राजनीतिक गलियारों में शोर मच गया है, जिसमें उन्होंने कहा, 'क्या मैं पाकिस्तानी नहीं हूँ, क्या मैं यहाँ केवल अपना वोट डालने आया हूं?'
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