विश्व
पाक आर्मी इमरान खान को 'बैकफुट' पर लाने के लिए रच रही 'षड्यंत्र' जानें क्या है माजरा
Renuka Sahu
30 Oct 2021 2:20 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान में इस्लामिक दक्षिणपंथी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान इस वक्त इमरान खान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान में इस्लामिक दक्षिणपंथी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (Tehreek-e-Labbaik Pakistan-TLP) इस वक्त इमरान खान सरकार (Imran Khan Government)के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. इन प्रदर्शनों के बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि TLP और इमरान सरकार के बीच विवाद बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी आर्मी आग में घी डालने का काम कर रही है. बता दें कि पाकिस्तान में TLP पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
सूत्रों का कहना है-पाक आर्मी चाहती है कि विरोध प्रदर्शन चलते रहें जिससे इमरान सरकार 'बैकफुट' पर आ जाए. सूत्रों का ये भी कहना है कि लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की ISI हेड के तौर पर नियुक्ति में देरी से पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा खफा हैं.
क्यों प्रदर्शन कर रही है TLP
TLP अपने नेता साद रिजवी की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रही है. साद को बीते अप्रैल में तब गिरफ्तार किया गया था जब प्रशासन ने TLP को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया. TLP के प्रदर्शन की एक अन्य मांग पाकिस्तान से फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करना भी है. दरअसल TLP के नेतृत्व में ही इस साल की शुरुआत में फ्रांस विरोधी मुहिम चलाई गई थी जिसके बाद फ्रांसीसी दूतावास ने अपने नागरिकों को देश छोड़ने की चेतावनी दी थी.
हिंसक प्रदर्शन
बीते बुधवार को TLP समर्थकों ने रैली के दौरान गोलियां चला दी थीं जिसमें 3 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और 260 अन्य घायल हो गए. सूत्रों का कहना है कि पाक आर्मी और नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ के बीच इसे लेकर बातचीत चल रही है. पाक आर्मी हेडक्वार्टर ने इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया है कि अगर ये प्रदर्शन चलता रहा तो इमरान खान का रिप्लेसमेंट शाहबाज शरीफ भी हो सकते हैं.
बातचीत फेल
इस बीच इमरान सरकार और TLP के बीच सभी तरह की वार्ता विफल रही हैं. नतीजतन राजधानी इस्लामाबाद को कंटेनर्स के जरिए 'ब्लॉक' कर दिया है. दरअसल इमरान सरकार ने TLP को सिर्फ प्रतिबंधित ही नहीं किया था बल्कि उसे आतंकी संगठन भी घोषित कर दिया था. पाकिस्तान सरकार ने इसका नोटिफिकेशन अपने देश में नहीं जारी किया था. इसे केवल फाइनेंशियल टास्क फोर्स को भेजा गया था और जानकारी दी गई थी कि एक आतंकी संगठन घोषित किया गया है. अब TLP चाहती है कि उसका नाम लिस्ट से हटाया जाए और उसे देश की सबसे बड़ी राजनीति पार्टी घोषित किया जाए.
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